सो स्वीट, अगर लोग सोचते हैं कि मैं फैशन में सबसे आगे हूं: मानुषी छिल्लर

मुंबई : बेहद खूबसूरत मानुषी छिल्लर अपनी स्टाइलिंग और फैशन फॉरवर्ड रहने में गहरी दिलचस्पी के कारण सब दूर छाई हुई हैं. मानुषी एक के बाद एक ऐसे मनभावन लुक लेकर आई है जिसने मीडिया और लोगों को मोहित कर दिया है और जब बात बात कपड़ों की हो, तो वह बॉलीवुड के सबसे ज्यादा व्यस्त और कूल उभरते सितारों में है.

मानुषी कहती हैं कि मेरे लिए फैशन अभिव्यक्ति का माध्यम है. मुझे लगता है कि इसमें काफी रचनात्मकता है और यह एक व्यक्ति के बारे में बहुत कुछ कहता है. यह कुछ ऐसी चीज़ है जिसका मैं वास्तव में आनंद लेती हूं. मैंने हमेशा इसमें मज़ा लिया है और मैंने हमेशा उन लोगों की तारीफ की है जिनका स्टाइल का सेन्स भरा है और वो इसे फैशन के माध्यम से एक्सप्रेस करते हैं.

वह आगे कहती हैं कि मेरे लिए वह क्रिएटिविटी ख़ास है जो इसमें रची-बसी है, और जो कपड़े आप पहनते हैं या जो लुक आप देते हैं उसके द्वारा अपने आप को एक्सप्रेस करने की बात है. मुझे लगता है कि यह बहुत अच्छी बात है कि लोग यह सोचते हैं कि मैं फैशन में सबसे आगे हूं. लेकिन मेरे लिए यह हमेशा ही  कुछ ऐसी बात रही है जिसका मैंने लुत्फ उठाया है और मैं इसे जारी रखने की ख्वाहिश रखती हूं.

मानुषी के लिए फैशन उनके व्यक्तित्व का एक्सटेंशन है. वह कहती हैं कि चपन से ही मैं हमेशा यही देखती थी कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुपरमॉडल क्या कर रही हैं, क्या ट्रेंड फॉलो हो रहे थे. हर किसी का सेंस ऑफ स्टाइल क्या था और मेरे लिए आज, इन सब बातों तक पहुंच पाना और फ्रीडम एक आशीर्वाद है क्योंकि मुझे पता है कि मैं इसका पूरा आनंद लेती हूं और जब फैशन के माध्यम से खुद को एक्सप्रेस करने की बात आती है तो मैं जितना संभव हो उतना ऑथेंटिक  और ईमानदार होने की पूरी कोशिश करती  हूं.

वह आगे कहती हैं कि मैं इसका पूरा मज़ा लेती हूं, मुझे ऐसा लगता है कि मैं हमेशा फैशन के माध्यम से अपने व्यक्तित्व की विशेषता को दर्शाने  की पूरी कोशिश करती हूं और इसके लिए जब तारीफ मिलती है तो बहुत  अच्छा लगता है कि आप जो कर रहे हैं उसे लोग पसंद करते हैं. 

मानुषी को भारतीय कपड़े पहनना पसंद है और जब बात फैशन और ट्रेंड की आती है तो उन्हें दुनिया में भारत के योगदान पर गर्व महसूस होता है. वह कहती हैं कि फैशन के मामले में भारत का इतिहास बहुत पुराना है. चाहे आप कपड़ा या हथकरघा उद्योग के बारे में बात करें या यह बात कि आप उत्तर से दक्षिण की यात्रा करें या पूर्व से पश्चिम की, सांस्कृतिक रूप से जो भी  पहनना जरूरी है उसके अलावा परंपरागत रूप से निश्चित ही लोगों और समाज में फैशन का प्रभाव रहा है.

वह आगे कहती हैं कि अगर हम हमारे स्टाइल आइकॉन को देखें, अगर हम महारानी गायत्री देवी जैसे व्यक्तियों की बात करें जिन्होंने अपना ख़ास ट्रेंड और फैशन सेट किया इसलिए जब फैशन की बात आती है तो भारत का एक लंबा इतिहास रहा है. हमारे पास बहुत सारे डिज़ाइनर हैं और आज यह देखकर बहुत अच्छा लगा कि न केवल शादियों वाले बल्कि कई और  डिज़ाइनर भी हैं - स्ट्रीट-स्टाइल लेबल वाले, जो आगे बढ़ रहे हैं और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना  रहे हैं.

वह आगे कहती हैं कि ऐसे छोटे डिज़ाइनर हैं जिन्हें अब पहचान मिल रही है और कपड़ा बनाने की पारंपरिक तकनीकों के माध्यम से वे इसे और बड़ा बना रहे हैं. हम परंपरागत रूप से जो करते थे उन पारंपरिक तरीकों का टेस्ट और सुन्दरता  के आधुनिक कांसेप्ट्स के साथ जो मिश्रण पूरे भारत में हो रहा है उसे देखकर बहुत अच्छा लगता है.