राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर कुलपति सचिवालय में घुसे स्टूडेंट, आत्मदाह करने की दी धमकी

जयपुर: छात्रसंघ चुनाव कराए जाने की मांग को लेकर आज राजस्थान यूनिवर्सिटी में पूरा दिन छात्रों का कैम्पस की बिल्डिंगों में निकला तो वहीं दूसरी ओर से कुलपति सचिवालय में घुसे छात्रों ने अपने उपर पट्रोल उडेल आत्मदाह करने की चेतावनी दी वहीं इनसो पार्टी के दिग्विजय सिंह चौटाला भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ कैम्पस पहुंचे और प्रदर्शन किया इस दौरान पुलिस ने दिग्विजय सिंह चौटाला सहित अन्य कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया देर शाम तक  बड़ी मशकक्त के बाद पुलिस के आलाधिकारियों ने छात्रों से समझाइश की और सभी छात्रों को बिल्डिगों से नीचे उतारा.

राजस्थान यूनिवर्सिटी में कल देर रात पानी की टंकी पर दो छात्र 3 घंटे की मशक्कत के बाद नीचे आए तो वहीं आज राजस्थान यूनिवर्सिटी में बनी अलग अलग विभागों की बिल्डिगों पर छात्रनेता पेट्रोल की बोतल लेकर उपर चढ गए जिसके बाद पुलिस प्रशासन भी सकते में आ गया छात्रों की संख्या को देखते हुए राजस्थान यूनिवर्सिटी आज पूरी तरह से पुलिस छाबनी में तब्दील हो गई पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता राजस्थान यूनिवर्सिटी के कौने कौने में तैनात किया गया वहीं खुद डीसीपी ईस्ट ज्ञानचंद्र यादव मौके पर पहुंचे और छात्रों से समढझाइस का प्रयास किया लंबी मशक्कत के बाद छात्र देरा शाम नीचे उतरे,ये छात्र दोपहर में एडम ब्लॉक,लाइब्रेरी बिल्डिंग और विज्ञान भवन की बिल्डिग पर चढ गए थे

एक तरफ यूनिवर्सटी कैम्पस में छात्रों की पिछले तीन दिन से भूख हड़ताल जारी है तो वहीं कुछ छात्र आज कुलपति सचिवालय में घुस गए और अपने उपर पेट्रोल डाल लिया जिसके बाद पुलिस भी हरकत में आई और छात्रों से समझाइश कर मामला शांत कराया इस घटना को कुछ ही समय हुआ था कि बड़ी संख्या में छात्र कुलपति की शवयात्रा निकालते हुए कुलपति सचिवालय से कुलपति आवास पहुंच गई जिसके बाद बड़ी संख्या में कुलपति आवास के बाहर पुलिस जाब्ता तैनात करना पड़ा,पुलिस की मौजूदगी में कुछ छात्र कुलपति आवास की दीवार कूद कर आवास के अंदर पहुंच गए जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने उनको बाहर निकाला.

छात्रसंघ चुनाव की मांग अब धीरे धीरे ना केवल राजस्थान यूनिवर्सिटी मे जोर पकड़ने लगी है बल्कि समूचे प्रदेश में अब छात्र आंदोलन करते हुए नजर आ रहे है लेकिन अभी भी सरकार अपने निर्णय पर अडिग है लेकिन देखना होगा कि क्या सरकार इन छात्रों के प्रदर्शनों के बाद अपना निर्णय वापिस लेती है.