चित्तौड़गढ़: चित्तौड़गढ़ के हजारेश्वर महादेव मंदिर के बारे में एक अद्भुत और दिव्य घटना को उजागर करती है, जो साल में दो बार होती है. इस विशेष घटना के दौरान, सूर्य की पहली किरण सीधे शिवलिंग पर पड़ती है, और इस अद्वितीय दृश्य को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है.
मंदिर की वास्तुशास्त्र के कारण, सूर्य की किरणें दस दिनों तक गर्भगृह तक पहुंचती हैं, जिससे यह घटना और भी विशेष बन जाती है. हर साल महाशिवरात्रि और श्रावण मास में यहां लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं. इस मंदिर का निर्माण करीब 1100 वर्ष पहले हुआ था, और यह शिल्पकला का एक बेहतरीन उदाहरण है.
मंदिर का शिखर श्रीयंत्र की तरह बना हुआ है, और शिवलिंग का आकार चंद्राकार है, जो इसकी अद्भुत वास्तुकला को और भी खास बनाता है. साक्षात शिवलिंग पर सूर्य की किरणों का अभिषेक एक अद्वितीय और दिव्य अनुभव होता है, जिसे श्रद्धालु हर साल बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ अनुभव करने के लिए आते हैं.
हजारेश्वर महादेव मंदिर में साल में 2 बार सूर्य की पहली किरण पड़ती है शिवलिंग पर:
भगवान शिव के इस दिव्य सूर्य किरण अभिषेक को देखने के लिए श्रद्धालुओं की उमड़ रही भीड़
मंदिर का वास्तु कुछ ऐसा है कि दस दिन तक गर्भगृह तक पहुंचती हैं सूर्य की किरणें
शनिवार को भोर होते ही भक्तों ने शिवलिंग पर सूर्य किरण अभिषेक के किए दिव्य दर्शन
मंदिर का निर्माण पुष्य नक्षत्र में हुआ था और यह है वास्तुकला का बेजोड़ नमूना
महाशिवरात्रि और श्रावण मास में यहां पहुंचते है लाखों श्रद्धालु शिवलिंग के दर्शन करने
1100 वर्ष पुराने इस मंदिर का शिखर श्रीयंत्र जैसा बना हुआ है और चंद्राकार है शिवलिंग