जयपुर: फर्स्ट इंडिया न्यूज की खबर का मतलब सोलिड इम्पैक्ट. जी हां फर्स्ट इंडिया न्यूज की खबर का एक बार फिर बड़ा असर हुआ है. इसी असर के चलते बड़ी तादाद में प्रदेश के अब तक वंचित लोग भी जेडीए की योजनाओं के लिए आवेदन कर सकेंगे. क्या है पूरा मामला जानने के लिए देखें फर्स्ट इंडिया न्यूज ये खास खबर. राज्य सरकार की पहली वर्षगांठ पर जेडीए की ओर ये चार योजनाएं लांच की गई थी. इनमें से कालवाड़ रोड पर अटल विहार और गोविंदपुरा रोपाड़ा स्थित गोविंद विहार योजनाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी.
आवेदन की प्रक्रिया क्या होगी,योजनाओं में भूखंड आंवटन के लिए पात्र और भूखंड आवंटन के क्या नियम होंगे, इसको लेकर जेडीए ने आवेदन के साथ ऑनलाइन ही बुकलेट भी जारी की है, लेकिन जेडीए के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते इस बुकलेट में वर्तमान में लागू नियमों के बजाए पूर्व में लागू नियमों का हवाला दे दिया गया था. इस गफलत के चलते प्रदेश भर में कई लोग इन योजनाओं में भूखंड आवंटन के लिए आवेदन के पात्र ही नहीं थे. आपको सबसे पहले बताते हैं कि जेडीए की योजनाओं की इस बुकलेट में सबसे बड़ी गफलत क्या था जो प्रदेश भर के लोगों पर भारी पड़ रही थी और इस गफलत को कैसे दूर किया गया.
जानिए कैसे दूर किया गया इस गफलत को:
-इन दोनों योजनाओं में आवेदन के लिए जारी बुकलेट के क्रम संख्या 3.4 में यह प्रावधान था कि
-जिस व्यक्ति का स्वयं एवं उसकी पत्नी/पति अथवा आश्रित के पास भूखंड या मकान है
-प्रदेश के एक लाख से अधिक आबादी के शहर में भूखंड या मकान है
-वह व्यक्ति इन योजनाओं में भूखंड आवंटन के आवेदन नहीं कर सकेगा
-फर्स्ट इंडिया न्यूज ने 3 जनवरी और 4 जनवरी को प्रमुखता से प्रसारित खबर में बताया कि
-जेडीए सहित प्रदेश भर के विभिन्न निकायों में भूखंडों का आवंटन राजस्थान शहरी भूमि निस्तारण नियम 1974 के तहत किया जाता है
-इन नियमों में राज्य सरकार के नगरीय विकास विभाग ने 4 जनवरी 2021 को अधिसूचना जारी कर बदलाव किया था
-इसके लिए जारी अधिसूचना में इसमें शामिल नियम 10 को बदल दिया गया है
-नियम 10 में 1 लाख से अधिक आबादी के शहर में भूखंड या मकान होने पर निकाय की योजना में भूखंड आवंटन नहीं करने के प्रावधान को हटा दिया है
-चार साल पहले जिस प्रावधान को हटा दिया गया जो प्रावधान वर्तमान में लागू नहीं हैं
-उसी प्रावधान को जेडीए की हाल ही घोषित योजनाओं की बुकलेट में डाल दिया गया है
-फर्स्ट इंडिया न्यूज की प्रसारित खबरों के बाद जेडीए के जिम्मेदार अधिकारियों की आखिर "नींद खुल" गई
-और बिंदु संख्या 3.4 को योजनाओं की बुकलेट से विलोपित कर दिया गया है
-अब जिनके पास पहले से 1 लाख से अधिक आबादी के शहर में खुद का या उसके आश्रित का मकान या भूखंड हैं
-वे लोग भी अब इन योजनाओं के लिए आवेदन कर सकेंगे
-इसके चलते जेडीए ने इन योजनाओं के लिए आवेदन की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 7 फरवरी कर दिया है
-साथ ही लॉटरी की तिथि भी बदलकर अटल विहार योजना के लिए 14 फरवरी और
-गोविंद विहार योजना के लिए 20 फरवरी निर्धारित कर दी गई है
फर्स्ट इंडिया न्यूज की प्रसारित खबरों में इसके नियमों की और भी गफलत उजागर की गई थी. जेडीए की ओर से मामले में एक्शन लेते हुए ये गफलत दूर कर मौजूदा नियम लागू कर दिए हैं. आपको बताते हैं इन योजनाओं में आवेदन के लिए पहले निर्धारित प्रावधानों में क्या बदलाव किए गए हैं.
जानिए क्या बदलाव किए गए:
-इन योजनाओं के भूखंडों पर मकान के निर्माण की अवधि के प्रावधान को बदल दिया गया है
-अब भूखंड का कब्जा पत्र जारी होने के सात वर्ष की अवधि में भूखंड पर निर्माण करना जरूरी होगा
-आवंटन पत्र जारी होने के बजाए आवंटी को उसे प्राप्त होने से 30 दिन की अवधि में भूखंड की संर्पूण राशि जमा करानी होगी
-राशि जमा नहीं कराने पर आवंटन पत्र प्राप्त होने की तिथि से ही ब्याज की गणना होगी
-जिन लोगों को पिछले दस वर्षों में जेडीए की ओर से रियायती दर पर मकान या भूखंड आवंटित हुआ है
-वे लोग भी अब इन योजनाओं के लिए आवेदन कर सकेंगे