भाग्य, मस्तिष्क और स्वास्थ्य रेखा से मिलकर बनती है धन की कोठरी, जानिए क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र?

भाग्य, मस्तिष्क और स्वास्थ्य रेखा से मिलकर बनती है धन की कोठरी, जानिए क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र?

जयपुर: हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, मनुष्य की हथेली पर कई तरह की रेखाएं और आकृतियां बनी होती हैं. इन्हीं रेखाओं का अध्ययन करके किसी भी व्यक्ति के भाग्य, सेहत, विवाह, बच्चे और सुख-सुविधा के बारे में पता लगाया जा सकता है. व्यक्ति के हाथ पर बनी हर रेखा उसके भविष्य, वर्तमान तथा भूत से संबंधित रहस्यों को अपने में समाहित किए हुए है. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इसके अलावा व्यक्ति के हाथ में कुछ ऐसे चिह्न और रेखाएं होती हैं जो राजयोग के संकेत देती हैं. ऐसे व्यक्ति का जीवन ऐश्वर्य से भर हुआ होता है और जीवन भर सुख-समृद्धि मिलती है. इसके अलावा हाथ में कुछ ऐसी भी रेखाएं होती हैं जो व्यक्ति के करियर और वैवाहिक जीवन के बारे में दर्शाती हैं. आज हम आपके लिए हथेली की कुछ ऐसी ही रेखा के बारे में बताने जा रहे हैं, जो प्रेम विवाह और विदेश यात्रा के संकेत देती हैं. 

हस्त रेखा विशेषज्ञ डा. अनीष व्यास ने बताया कि धन की कोठरी. यह सवाल हस्तरेखा में विश्वास रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति का होता है. सामान्य स्थितियों में भी हाथ में इस कोठरी को लेकर बहुत चर्चाएं होती हैं. हाथ में यह कोठरी भाग्य रेखा, मस्तिष्क रेखा और स्वास्थ्य रेखा से मिलकर बनती है. इन तीनों रेखाओं से मिलकर बनने वाले इस त्रिकोण को धन की कोठरी कहा जाता है. माना जाता है कि ऐसे लोग जीवन में अत्यधिक धन एकत्र कर लेते हैं. प्राचीन ग्रंथों में इस त्रिभुज को धनी माना गया है. यह त्रिभुज इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शनि रेखा, बुध रेखा और मस्तिष्क रेखा से मिलकर बना है. शनि धन और रहस्य का कारक है. बुध व्यापार, गुप्त विद्याओं का कारक है. बुद्धि यानी मस्तिष्क रेखा बुद्धि का कारक है. ऐसे में यदि बुध और शनि पर्वत अच्छी स्थिति में हैं, बुद्धिमान हो और वह इन सभी गुणों को व्यापार में लगाता है तो वह धनी होता है. हालांकि इसका दूसरा पक्ष भी है. ऐसे व्यक्ति अति इंद्रिय होता है. बुध पर्वत अच्छा होने पर ऐसा व्यक्ति रहस्यमयी विद्याओं का धनी होता है. ऐसे व्यक्ति के पास वैज्ञानिकता का गुण आ जाता है. 

हस्त रेखा विशेषज्ञ डा. अनीष व्यास ने बताया कि ऐसे में जिन हाथों में तीनों रेखाओं से मिलकर त्रिभुज है तो यह शुभ है, लेकिन यदि इनमें से कोई एक रेखा टूटी ना हो अथवा त्रिभुज टूटा हुआ नहीं हेाना चाहिए. यह त्रिभुज यानी धन की कोठरी बंद होनी चाहिए. इस त्रिभुज से व्यक्ति धनवान तो होता है, साथ ही वह रहस्यमयी विद्याओं का धनी भी होता है. लेकिन यदि त्रिभुज के अंदर क्रॉस का निशान बन गया जो तो व्यक्ति का सारा धन नष्ट हो जाता है. हालांकि विद्याएं नष्ट नहीं होती. त्रिभुज में कोई दोष नहीं होने की स्थिति में शुभ परिणाम मिलता है.

हस्त रेखा विशेषज्ञ डा. अनीष व्यास ने बताया कि हस्तरेखा शास्त्र में चंद्र पर्वत को बेहद ही खास माना जाता है. यदि किसी जातक के हाथ में चंद्र पर्वत से कोई यात्रा रेखा निकलकर पूरी हथेली को पार करते हुए गुरु पर्वत तक पहुंचती है, तो ऐसे व्यक्ति के जीवन में लंबी यात्रा के योग होते हैं. कहा जता है कि ये लोग एक देश से दूसरे देश की यात्रा करते हैं.

हस्त रेखा विशेषज्ञ डा. अनीष व्यास ने बताया कि हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, किसी जातक के हाथ में चंद्र पर्वत से कोई रेखा निकलकर बुध पर्वत तक जाती है, तो ऐसे व्यक्ति को यात्रा से धन की प्राप्ति होती है, लेकिन जब किसी जातक की हथेली में चंद्र क्षेत्र पर बनी यात्रा रेखा पर कोई क्रॉस का निशान बन जाता है, तो ऐसे में विदेश यात्रा के बिगड़ल जाते हैं. साथ ही किसी न किसी कारण से विदेश यात्रा टालनी पड़ती है.

हस्त रेखा विशेषज्ञ डा. अनीष व्यास ने बताया कि यदि किसी जातक के चंद्र पर्वत से कोई यात्रा रेखा निकलकर हृदय रेखा से मिल जाती है. तो ऐसे में व्यक्ति के जीवन में प्रेम संबंध बनते हैं और वह उनमें सफलता भी प्राप्त करता है, यानि ऐसे व्यक्ति का प्रेम विवाह में बदल जाता है. हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार यदि किसी के हाथ में दो हृदय रेखाएं हैं और एक रेखा चंद्र पर्वत की ओर जा रही है, तो ये स्थिति भी सुखी वैवाहिक योग बनाती है. यदि किसी व्यक्ति के हाथ की सबसे छोटी उंगली के नीचे मौजूद बुध पर्वत से निकली हुई रेखा अनामिका उंगली के नीचे पहुंचती है, तो ऐसे लोगों को जीवन में एक बार विदेश घूमने का मौका जरुर मिलता है.