VIDEO: हाल ए कांग्रेस संगठन, जुलाई 2020 से कईं प्रकोष्ठ और विभाग पड़े है भंग, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान कांग्रेस एक बार फिर आधे-अधूरे संगठन के साथ ही उपचुनाव की जंग में उतरने जा रही है.पिछले 4 साल से करीब एक दर्जन से ज्यादा कांग्रेस के प्रकोष्ठ औऱ विभाग भंग पड़े है.यही हाल अग्रिम संगठन के है.महिला कांग्रेस औऱ एनएसयूआई संगठन की प्रदेश से लेकर जिला कार्यकारिणी भी पिछले कईं दिनों से भंग पड़ी है.वहीं कुछ जगह ब्लॉक और मंडल स्तर की टीमों का भी अब तक गठन नहीं हो पाया है.

राजस्थान में सात विधानसभा सीटों की चुनावी जंग शुरु हो चुकी है.लेकिन लगता है राजस्थान कांग्रेस ने हरियाणा में हुई हार से भी कोई सबक नहीं सीखा है.क्योंकि हरियाणा में कांग्रेस की हार का एक बड़ा कारण संगठन का नहीं होना भी था.पिछले दस साल से हरियाणा में पार्टी अपनी पीसीसी तक का गठन नहीं कर पाई.कुछ ऐसे ही हाल राजस्थान कांग्रेस संगठन के नजर आ रहे है.प्रदेश कांग्रेस औऱ जिला कांग्रेस कमेटियों के अलावा बाकी संगठन के हालात अच्छे नहीं है.

जुलाई 2020 से कईं प्रकोष्ठ और विभाग पड़े है भंग:
-चार साल से इन विभागों औऱ प्रकोष्ठों का नहीं हुआ गठन
-महिला कांग्रेस की प्रदेश और जिला कार्यकारिणी पड़ी है भंग
-NSUI की प्रदेश और जिला कार्यकारिणी पिछले 3 माह से है भंग
-कईं ब्लॉक और मंडल कार्यकारिणी का नहीं हुआ है गठन

ताज्जुब की बात है कि मजबूत संगठन के बिना ही पहले विधानसभा औऱ फिर लोकसभा चुनाव भी संपन्न हो गए.लेकिन प्रकोष्ठों और विभागों का गठन तो अब तक नहीं हो पाया है.वहीं विधानसभा चुनाव हारते ही महिला कांग्रेस ने अपनी पूरी कार्यकारिणी को भंग कर दिया.पर पिछले 10 माह से महिला कांग्रेस को दिल्ली से नई कार्यकारिणी गठन की हरी झंडी नहीं मिली.ऐसे में संगठन को पुरानी टीम से काम चलाना पड़ रहा है.उसके बाद विनोद जाकड़ ने एनएसयूआई का प्रदेश अध्यक्ष बनते ही पुरानी टीम को भंग कर दिया.नई टीम के गठन में अभी एक माह और लगेगा.

एक मजबूत और चुस्त दुरुस्त संगठन किसी भी सियासी पार्टी की बड़ी ताकत होता है.पिछले दिनों हरियाणा में हुए चुनाव में कांग्रेस को इस कमजोरी का बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ा.जाहिर सी बात है कि पूरे संगठन का गठन होने से सोशल इंजीनियरिंग सहित कई समीकरण पार्टी साध सकती है.लेकिन लगता है गुटबाजी और दिल्ली में हाईकमान की हरी झंडी नहीं मिलने के चलते प्रदेश नेतृत्व इनके गठन के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पा रहा है.