पं.दीनदयाल उपाध्याय की 56वीं पुण्यतिथि आज, सीएम भजनलाल बोले- 21वीं सदी में भारत विश्व का सिरमौर बनेगा, हम गरीब की पीड़ा को जानते

जयपुरः पं.दीनदयाल उपाध्याय की आज 56 वीं पुण्यतिथि है. ऐसे में इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. धानक्या स्थित पं.दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्मारक पर आयोजन हो रहा है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि पंडित दीनदयाल जी के विचार प्रेणादायक थे. उन्होंने आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी. उन्होंने देश में अपनी सेवाएं दी थी. देश की विषम परिस्थिति में वो डट कर खड़े रहे. उन्होंने कहा था जब तक अंतिम व्यक्ति को आगे नहीं आएंगे देश आगे नहीं बढ़ेगा. उन्होंने वो कर के दिखाया, एकात्म मानववाद को लेकर वो चलने वाले थे. हमारे देश को उसी की आवश्यकता है. चौधरी चरण सिंह कहते थे देश की ख़ुशहाली गांव के किसानों से निकली है. जब किसान समृद्ध होगा तो देश समृद्ध होगा. हमारी योजनाएं घर घर तक पहुंच रही है. हम गरीब की पीड़ा को जानते हैं. 

हमारे पड़ोसी को, हमारे गांव को, हमारे मोहल्ले को जिसको हमारी ज़रूरत है वो कर्तव्य पूरा करें. दुनिया भी मानने लगी है 21वीं सदी भारत की होगी. 21वीं सदी में भारत विश्व का सिरमौर बनेगा. देश में कई समयों पर कई तरह के आक्रांता आए. आजादी के लिए कई सालों तक महान आत्माओं ने संघर्ष किया. देश की खुशहाली गांव से निकलती है. स्व. पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी एकात्म मानववाद और अंत्योदय के प्रणेता थे. जब तक अंतिम व्यक्ति को आगे नहीं लाएंगे, देश आगे नहीं बढ़ेगा. उन्होंने आजादी के लिए लड़ाई लड़कर देश को अपनी सेवाएं दी थी. देश की विषम परिस्थिति में वो डट कर खड़े रहे. 

स्वच्छता अभियान इतनी बड़ी क्रांति बन गई  है. कि किसी ने सोचा नहीं था उस वक्त मजाक उड़ाया गया था. 2014 से पहले भारत की क्या स्थिति थी. पहले नीचे से 5वें नंबर पर हमारी गिनती होती थी. जो देश नीचे पायदान पर है अब हमने कनाडा को पीछे छोड़ा है. हमने फ्रांस को पीछे छोड़ा है. और ये इतना बड़ा बदलाव इसीलिए आया है. 
जिसकी पुण्यतिथि पर हम यहां आये हैं. उनकी सोच को प्रधानमंत्री ने अपनाया है. 

वहीं मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने संबोधित करते हुए कहा कि पीएम मोदी का उद्देश्य है कि अंतिम छोर के व्यक्ति को योजना का लाभ मिले. पीएम मोदी ने देश को मजबूती दी है. 500 साल बाद राम मंदिर बनकर तैयार हुआ है. जो देश के लिए गौरव की बात है. अंतोदय की यात्रा चलती रहेगी. पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जीवन गरीबों की सहायता में बीता है. 

आज इतने सालों बाद हमारा राम मंदिर बनकर तैयार हुआ है. हमारी सबसे बड़ी ताक़त है, ये भारत की ताक़त है. स्वामी नारायण मंदिर हो, राम मंदिर हो या पुराना संसद भवन हो इन सब में राजस्थान की यादें क़ैद है. जो नक्काशी है उसमें राजस्थान के पत्थर हैं. जो राजस्थान की याद दिलाते रहते हैं.