जयपुर: प्रदेश के टाइगर पार्क्स के कोर जोन खुलने से ठीक पहले सरिस्का से आ रही खबर ने वन्य जीव प्रेमियों को निराश कर दिया. पिछले वर्ष जनवरी में पैदा हुए बाघिन एसटी 17 के दोनों सब एडल्ट शावक पिछले करीब 12 दिन से गायब हैं और वन विभाग को न तो उनके पग मार्क मिले हैं न ही कैमरा ट्रैक में उनकी फोटो आई है. इस खबर के बाद से ही सरिस्का टाइगर रिजर्व प्रबंधन में 8 अलग-अलग टीमों का गठन कर दोनों सब एडल्ट शावकों की तलाश शुरू कर दी है.
दरअसल प्रदेश के 5 टाइगर रिजर्व में से रणथंभौर, सरिस्का और रामगढ़ विषधारी में ही सफारी कराई जाती है जबकि मुकुंदरा और धौलपुर टाइगर रिजर्व में अभी पर्यटन शुरू नहीं किया गया है. तीनों टाइगर रिजर्व में मानसून के दौरान 1 जुलाई से 30 सितंबर तक कोर जोन में पर्यटन गतिविधियां बंद रहती हैं. अब 1 अक्टूबर से कोर जोन पर्यटन के लिए खोले जाने हैं, ऐसे में दोनों सब एडल्ट शावकों का गायब होना वन विभाग के लिए चिंता का सबब बन गया है.
एसटी 17 के दोनों सब एडल्ट शावक के पग मार्ग अंतिम बार 11 सितंबर को दिखे थे जबकि दोनों में से एक सब एडल्ट 17 सितंबर को कैमरा ट्रैप में दिखाई दिया था उसके बाद से ही दोनों का कोई मूवमेंट नहीं दिखा है. वन्य जीव विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों सब एडल्ट अब करीब पौने दो वर्ष के हो चुके हैं. ऐसे में यह मां से अलग होने वाले हैं, इसलिए अपने टेरिटरी तलाशने के कारण भी संभवत: दूसरी जगह मूवमेंट कर गए होंगे.
वहीं आशंका इस बात की भी है की एसटी 13 की तरह कहीं यह भी सदा के लिए गायब न हो जाए. रणथंभौर में भी बाघिन टी 79 का अभी तक कोई पता नहीं चला है. हालांकि प्रदेश में बाघ गायब होने की यह कोई पहली घटना नहीं है. तीन दर्जन से ज्यादा बाघ अभी तक प्रदेश के टाइगर पार्क्स से गायब हुए हैं जिनका आज तक कोई पता नहीं चला. सरिस्का तो एक बार पूरी तरह से बाघ विहीन हो चुका था.