World Heart Day 2023: दिल है तो हम है...! जयपुर समेत देशभर में दिल के मरीजों का दर्द, सडन कार्डिक फेरियर ने हाल ही में कईयों ने गंवाई जान; ये आंकड़े देख लीजिए

World Heart Day 2023: दिल है तो हम है...! जयपुर समेत देशभर में दिल के मरीजों का दर्द, सडन कार्डिक फेरियर ने हाल ही में कईयों ने गंवाई जान; ये आंकड़े देख लीजिए

जयपुर: जयपुर समेत देशभर 'वर्ल्ड हार्ट डे' पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. कोविड के बाद जिस तरह हार्ट अटैक की घटनाएं बढ़ रही हैं. उसे देखते हुए वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट का भी एक ही मत है कि लोग अपनी दिनचर्या में बदलाव करें. अपने दिल का ख्याल रखें. क्योंकि यह दिल का मामला है.

साइलेंट किलर बन रहा दिल का "दर्द" !
आपको बता दें कि भारत समेत कई देशों में दिल की बीमारी मौतों का नंबर एक कारण है. 7.9 मिलियन से अधिक लोग कार्डियो-वैस्कुलर से जान गंवाते हैं. भारत के आंकड़ों पर गौर फरमाए तो 2016 में 21,914 लोगों ने हार्ट अटैक के कारण जान गंवाई. वहीं 2017 में 23,249, 2018 में 25,764 और 2019 में 28,005 लोगों हार्ट अटैक के चलते मौत का ग्रास बने है. ये तो सिर्फ बड़े अस्पतालों का डेटा है, लेकिन यदि चिकित्सकों की माने तो हालात और भी भयावह है. चिकित्सकों के मुताबिक हार्ट अटैक के 50 फीसदी केस में तो मरीज अस्पताल तक पहुंच भी नहीं पाते हैं. जो 50 फीसदी अस्पताल पहुंचते है, उनमें से भी 50 फीसदी एक घंटे का गोल्डन पीरियड भी नहीं निकाल पाते हैं. 

क्यों मनाया जाता है "हार्ट डे": 
दिल के रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए WHO ने दुनिया भर में साल 2000 से विश्व हृदय दिवस मनाने की घोषणा की. पहले यह दिवस सितम्बर माह के आखिरी रविवार को मनाया जाता था. लेकिन साल 2014 से World Heart Day 29 सितंबर को मनाया जाने लगा है. 

यूं रखा जा सकता है दिल का ख्याल:
- हार्ट की सेहत को यदि ठीक रहना है तो आपको सबसे पहले अपनी दिनचर्या में थोड़ा बदलाव लाना होगा
- देर रात तक जागने से बचें और रात में ज्यादा गैजेट्स के इस्तेमाल से भी बचें।
- खानपान का भी विशेष ख्याल रखें
- कोशिश ये करें कि शाम को 6 या 7 बजे के बाद कुछ भी खाना न खाएं
- इसके अलावा सुबह ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन व फाइबर युक्त खाना लें।
- व्यायाम का भी विशेष ध्यान रखें, खासतौर पर साइकिलिंग, स्वीमिंग पर फोकस दें

7.9 मिलियन से अधिक लोग कार्डियो-वैस्कुलर से गंवाते है जान: 
वर्ल्ड हार्ट डे के मौके पर वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट ने डेटा साझा किया है. उन्होंने कहा कि अब हार्ट की बीमारी को उम्र से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. हार्ट की बीमारी के रोगियों की संख्या में दिनोंदिन बढ़ोत्तरी हो रही है. यदि कोलेस्ट्रॉल अनियंत्रित है, बल्ड प्रेशन मेंटेन नहीं है तो किसी भी उम्र में व्यक्ति को हार्ट से जुड़ी दिक्कतें हो सकती है. इसलिए कोशिश यही रहनी चाहिए कि हम खुद के स्वास्थ्य पर ध्यान दें. नियमित साइकिलिंग करें, स्वीमिंक करें, व्यायाम को जीवन का हिस्सा बनाएं. ऐसा करके काफी हद तक हम अपने हार्ट को मजबूत बना सकते हैं.