VIDEO: गांधीवादी सत्याग्रह ! पशु चिकित्सक 34 दिन से क्रमिक अनशन पर, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: लंपी महामारी में लाखों गायों की जान बचाने वाले पशु चिकित्सक अब अनशन पर हैं. पिछले 34 दिन से आंदोलन कर रहे पशु चिकित्सकों की प्रमुख मांग यही है कि उनका वेतनमान मानव और दन्त चिकित्सकों के समकक्ष किया जाए. हालांकि पशु चिकित्सकों का यह आंदोलन इसलिए चर्चा का केन्द्र बना हुआ है, क्योंकि यहां गांधीवादी तरीके से अनशन किया जा रहा है. आमतौर पर कर्मचारी संगठनों के किसी आंदोलन में सरकार विरोधी नारे लगते ही देखते जाते हैं. लेकिन यहां नजारा कुछ अलग है. अगर आप इस आंदोलन में शामिल आंदोलनकारियों के हाथों में पकड़ी तख्तियों पर गौर करेंगे तो यहां भी अलग ही संदेश लिखा मिलेगा. 

'जननायक आवाज सुनो, हमारी मांगें पूरी करो', 'जननायक का हो फरमान, सभी चिकित्सक एक समान' 'कौन बना लंपी में रक्षक, पशु चिकित्सक, पशु चिकित्सक' इन नारों और स्लोगन्स में कहीं भी मौजूदा सरकार के खिलाफ आक्रोश नहीं दिखाई देता. हालांकि सकारात्मक माहौल में शांतिपूर्ण तरीके से किए जा रहे इस आंदोलन में शामिल पशु चिकित्सकों की पीड़ा अब बढ़ती जा रही है. 3 डिग्री सेल्सियस तापमान में अधिकारी संवर्ग के ये लोग गांधीवादी तरीके से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन कहीं न कहीं उनको यह पीड़ा भी है कि 34 दिन से आंदोलन करने के बावजूद सरकार ने अभी तक उनके साथ एक भी बार वार्ता नहीं की है. दरअसल पशु चिकित्सकों का यह आंदोलन मुख्य रूप से उनके वेतन-भत्तों और रिक्त पदों को भरे जाने को लेकर है.

ये हैं पशु चिकित्सकों की 11 सूत्री मांगें:
- वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी व उच्च पदों पर मानव चिकित्सकों के समान ग्रेड पे मिले
- मानव चिकित्सकों के समकक्ष डायनेमिक एश्योर्ड कॅरियर प्रोग्रेसन स्वीकृति की मांग
- पशु चिकित्सकों को नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस स्वीकृत किया जाए
- पीजी डिग्री धारक पशु चिकित्सकों को 3 अग्रिम वेतन वृद्धि स्वीकृत की जाएं
- गो सेवा सेस से 10 हजार रुपए गौ चिकित्सा सेवा भत्ता स्वीकृत किया जाए
- हार्ड ड्यूटी भत्ता बढ़ाकर 5 हजार रुपए मासिक किया जाए
- पशु चिकित्सा परिषद के सभी पद पुन: सृजित कर नई काउंसलिंग गठित की जाए
- UTB पर लगे पशु चिकित्सकों का वेतनमान 56100 रुपए किया जाए
- वेटरनरी ऑफिसर्स एंड पैरा वेट स्टाफ फीस रूल्स 2013 में संशोधन किया जाए
- ब्लॉक वेटरनरी हैल्थ ऑफिस में उप निदेशक को डीडीओ पावर दी जाएं
- पशु चिकित्सकों के रिक्त 60 प्रतिशत पदों पर जल्द स्थाई भर्ती की जाए

वेटरनरी डॉक्टर्स एसोसिएशन राजस्थान के बैनर तले यह आंदोलन चल रहा है. एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. इन्द्रजीत सिंह कहते हैं कि उनकी ये मांगें 2 दशक पुरानी हैं. सरकार इन मांगों का परीक्षण करवाए, यदि उनको मांगें तर्कसंगत नहीं लगें, तो इन मांगों को खारिज करे, हम आंदोलन छोड़ देंगे. पांचवें और छठे वेतन आयोग ने पशु चिकित्सकों को मानव चिकित्सकों के समान वेतन-भत्ते देने की सिफारिश की थी. देश के 16 राज्यों में पशु चिकित्सकों को मानव चिकित्सकों के समान ही वेतनमान मिल रहा है. पशु चिकित्सकों के इस आमरण अनशन में अब तक 6 पशु चिकित्सकों की तबियत बिगड़ चुकी है. इन पशु चिकित्सकों को एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है. इसके बावजूद इनके जोश में कमी नहीं है और अब 3 नए पशु चिकित्सक आमरण अनशन पर बैठ चुके हैं.