पश्चिम बंगालः अवैध पटाखा फैक्टरी में विस्फोट; पांच लोगों की मौत, सात घायल

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि पूर्वी मेदिनीपुर जिले के इगरा में एक अवैध पटाखा फैक्टरी में मंगलवार को हुए विस्फोट में पांच लोगों की मौत हो गयी, जबकि सात गंभीर रूप से घायल हो गये. पुलिस ने कहा कि विस्फोट ‘इतना जबर्दस्त था’ कि जिस आवास में यह फैक्टरी चल रही थी, वह ढह गया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस घटना की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच कराने की मांग की है.

ग्रामीणों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पूरा मकान ‘युद्ध क्षेत्र’ जैसा नजर आ रहा था और चारों तरफ मृतकों के चिथड़े उड़े थे और मलबे बिखरे थे. बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल-ओडिशा सीमा के समीप एक गांव के एक मकान में यह अवैध पटाखा विनिर्माण इकाई चल रही थी. इस विस्फोट में पांच लोगों की मौत हो गयी, जबकि सात गंभीर रूप से घायल हो गये. घटना की जांच चल रही है.
उन्होंने कहा कि पटाखे ओडिशा भेजे जा रहे थे और स्थानीय श्रमिक वहां काम रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य अपराध जांच विभाग (सीआईडी) इस घटना की जांच कर रहा है.

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो बनर्जी ने कहा कि इस घटना में जान गंवाने वालों के निकटतम परिजनों को ढाई-ढाई लाख रुपये तथा घायलों को एक-एक लाख रुपये दिये जायेंगे तथा राज्य सरकार उनके इलाज का खर्च उठायेगी.मुख्यमंत्री ने कहा कि इगरा थाने के स्थानीय पुलिस प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि उन्हें यह नहीं पता था कि इस क्षेत्र में अवैध पटाखा विनिर्माण इकाई चल रही है.
एनआईए जांच की भाजपा की मांग पर बनर्जी ने कहा कि उन्हें जांच का जिम्मा एनआईए को दिये जाने पर कोई आपत्ति नहीं है.

उन्होंने कहा कि हमें एनआईए जांच पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन मैं कहना चाहूंगी कि सीआईडी की जांच शुरू भी हो चुकी है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्राथमिक जांच में पाया गया है कि इस घटना में जान गंवाने वाले सभी पांच व्यक्ति एवं घायल सभी सात लोग फैक्टरी के कामगार थे. बनर्जी ने कहा कि इस अवैध पटाखा विनिर्माण इकाई का मालिक मंगलवार के विस्फोट के बाद ओडिशा भाग गया. उन्होंने कहा कि मालिक को यह फैक्टरी चलाने को लेकर पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था.

उन्होंने कहा कि उसे पिछले अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उसे अदालत से जमानत मिल गयी. वह इस विस्फोट के शीघ्र बाद राज्य से भाग गया. मैं पुलिस से उसका विवरण ओडिशा पुलिस से साझा करने को कहूंगी, ताकि उसे तत्काल गिरफ्तार किया जाए. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने दावा किया कि जिस पंचायत में यह विस्फोट हुआ है, उसे भाजपा-समर्थित एक निर्दलीय नेता चला रहा है तथा तृणमूल कार्यकर्ताओं को उस गांव में घुसने नहीं दिया जाता है.उन्होंने कहा जब पुलिसकर्मी उस गांव में गये थे तब उनपर ग्रामीणों ने हमला किया था. उन्होंने कहा कि भाजपा और माकपा लोगों को पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट करने के लिए उकसाती रही हैं तथा अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

बनर्जी ने कहा कि पुलिस (कानून का) संरक्षक है. कानून प्रवर्तकों पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मैं मानती हूं कि लोगों को प्रदर्शन करने का हक है, लेकिन उन्हें पुलिसकर्मियों पर हमला बिल्कुल ही नहीं करना चाहिए. उन्होंने पर्यावरण मंत्री मानस रंजन भूइंया और अन्य स्थानीय विधायक को घटनास्थल का दौरा करने को कहा. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल ‘विस्फोटकों का ढ़ेर’ बन गया है. उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राज्यपाल सी वी आनंद बोस से इगरा विस्फोट की एनआईए जांच शुरू कराने की अपील की.

उन्होंने यह भी मांग की कि इलाके में केंद्रीय सुरक्षाबल तत्काल तैनात किये जाएं, क्योंकि इस बात का डर है कि कहीं पश्चिम बंगाल पुलिस शव को अवैध रूप से अन्यत्र न पहुंचा दे. अधिकारी ने ट्वीट किया, पूर्वी मेदिनीपुर में इगरा के सहारा गांव में स्थानीय तृणमूल नेता कृष्णपाडा बाग के घर में जबर्दस्त विस्फोट हुआ. मुझे जमीनी स्तर से खबर मिल रही है कि हताहतों की संख्या बहुत अधिक है. तत्काल केंद्रीय बलों तो तैनात किया जाए, क्योंकि ममता की पुलिस मृतकों के शव अवैध रूप से अन्यत्र ले जा रही है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, मैं केंद्रीय गृहमंत्री और बंगाल के राज्यपाल से यथाशीघ्र एनआईए द्वारा जांच शुरू करवाने की अपील करता हूं. बंगाल विस्फोटकों का ढेर बन गया है.

भूइंया ने कहा कि उनके विभाग और पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अभियान तेज करेंगे एवं सभी से उनके इलाकों में चल रही अवैध पटाखा विनिर्माण इकाइयों के बारे में प्रशासन को बताने को कहा जाएगा. उन्होंने कहा कि हमने इस संबंध में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाया था. हमें इस बुराई से लड़ने के लिए जनता का सहयोग चाहिए. बीस मार्च को दक्षिण 24 परगना जिले के महेशतला में एक पटाखा इकाई में आग लगने से तीन लोगों की जान चली गयी थी. दिसंबर, 2022 में पूर्वी मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर में एक पटाखा फैक्टरी में विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गयी थी. सोर्स भाषा