जयपुर: एक तरफ जहां कांग्रेस में खाली पड़े पदों को भरने के लिए संगठन सृजन अभियान जारी है.वहीं राजस्थान कांग्रेस में नवगठित जिलों में अभी तक जिला अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं हो पाई है.करीब चार माह पहले अप्रैल में राजस्थान में 10 नए जिलों के गठन के आदेश जारी हुए थे, लेकिन अभी भी नामों की सूची बनाने की कवायद पूरी नहीं हो पाई है. संगठन मजबूती के लिए कांग्रेस हाईकमान साल 2025 को संगठन सृजन वर्ष के रूप में मना रहा है, जिसके तहत ऊपर से लेकर निचले स्तर तक पार्टी में बदलाव जारी है.
इस दिशा में राजस्थान कांग्रेस ने निचले स्तर पर यकीनन संगठन का स्ट्रक्चर खड़ा करने में बेहतरीन काम किया है, लेकिन जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में कह सकते है प्रक्रिया बेहद धीमी चल रही है.आपको बता दे कि चार माह पहले 4 अप्रैल को कांग्रेस हाईकमान ने राजस्थान में 10 नए जिलों के गठन को मंजूरी दी थी,लेकिन अभी तक इन जिलों में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति तक नहीं हो पाई है.प्रदेश नेतृत्व अभी तक इन जिलों में दावेदारों की फाइनल सूची तैयार करने में ही उलझा हुआ है.
आखिर कब होगी नए जिलों में कांग्रेस जिला अध्यक्षों की नियुक्ति:
-4 माह पहले 10 नए जिलों के गठन की हाईकमान ने दी थी मंजूरी
-कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा,डीग,ब्यावर,डीडवाना-कुचामन
-फलोदी,बालोतरा,सलूंबर,नीमकाथाना और भीलवाड़ा शहर में बनने है जिला अध्यक्ष
-प्रदेश नेतृत्व अभी तक नामों की सूची तैयार करने की कवायद में उलझा है
-वहीं 3 जिले कार्यकारी और निवर्तमान जिला अध्यक्षों के भरोसे चल रहे है
-बाड़मेर,अजमेर शहर औऱ देहात में अभी तक नहीं हुई स्थाई जिला अध्यक्ष की निुयक्ति
-करीब आधा दर्जन मौजूदा जिला अध्यक्षों को हटाने की कवायद भी पेंडिंग
दरअसल पहले पर्यवेक्षकों के जरिए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति प्रक्रिया की आहट के चलते बता रहे है इसमें देरी हो गई,लेकिन अब यह तय हो चुका है कि पहले की तरह ही जिलाध्यक्ष मनोनित किए जाएंगे.हालांकि प्रदेश नेतृत्व का दावा है कि सूची बनने का काम अब फाइनल स्टेज पर है औऱ इसी माह के आखिर में लिस्ट मंजूरी के लिए दिल्ली भेज दी जाएंगे.
सामने आ रहा है कि कुछ जिलों में नामों को लेकर आपसी सहमति नहीं बन रही है.वहीं कुछ जगह जातिगत औऱ सियासी समीकरण साधने में पेंच फंसा हुआ है. जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के साथ बताया जा रहा है कि मौजूदा जिला अध्यक्षों को निष्क्रियता के पैमाने पर हटाने की प्रक्रिया को भी अंजाम दिया जा सकता है.कुल मिलाकर दिल्ली और प्रदेश नेतृत्व के करीबियों का दावा है कि अब नियुक्ति में ज्यादा देरी नहीं होगी और इसी माह या फिर अगले माह सूची जारी कर दी जाएगी.