दुनिया भर के दमितों, शोषितों और वंचितों के लिए प्रकाशपुंज की तरह हैं बाबा साहब : योगी आदित्यनाथ

दुनिया भर के दमितों, शोषितों और वंचितों के लिए प्रकाशपुंज की तरह हैं बाबा साहब : योगी आदित्यनाथ

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि बाबा साहब भीमराव आंबेडकर न केवल भारत बल्कि दुनिया के सभी दमितों, शोषितों और वंचितों की आवाज हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए दुनिया का सबसे बड़ा संविधान बनाकर उन्होंने एक नये युग का सूत्रपात किया. एक बयान के मुताबिक योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को भारत रत्न बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर की जयंती पर आंबेडकर महासभा की ओर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान ये बातें कही.

इससे पूर्व उन्होंने हजरतगंज स्थित आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए उन्हें राज्य सरकार की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की. मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहब ने दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा की डिग्री हासिल की, उसके बावजूद उन्हें उन विकृतियों और सामाजिक कुरीतियों का सामना करना पड़ा, जो भारतीय समाज को सदैव कमजोर करती रहीं.

उन्होंने कहा कि मगर उनकी परवाह न करते हुए वंचितों की आवाज बनकर तथा उन्हें अपनी आवाज की धार देकर आंबेडकर ने उनकी लड़ाई को लड़ने का कार्य किया जिसका प्रभाव है कि पूरा देश सदैव कृतज्ञ भाव से उन्हें नमन करता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहब के नाम पर इस देश में राजनीति तो बहुत से लोगों ने की, मगर उनके सपनों को साकार करने का कार्य केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है. उन्होंने कहा कि उनसे जुड़े स्थलों को तीर्थ के रूप में विकसित करने का कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया, चाहे महू हो, दिल्ली, मुम्बई, इंग्लैंड का वह भवन जहां रहकर उन्होंने उच्च शिक्षा हासिल की या नागपुर की दीक्षा भूमि, इन सभी स्थलों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित किया गया.

योगी आदित्यनाथ ने आंबेडकर महासभा के अध्यक्ष लालजी प्रसाद निर्मल को बधाई देते हुए कहा कि उनके प्रस्तावों को ध्यान में रखकर बाबा साहब स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र को बनाने का कार्य अब अंतिम चरण में है. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द आंबेडकर महासभा के पास अपना भव्य स्मारक होगा, जो पत्थरों का नहीं बल्कि बाबा साहेब के विचारों और उनकी प्रेरणाओं का केंद्र होगा. उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने सभी को प्रेरणा दी थी कि शिक्षित बनो, अपने हक के लिए लड़ो और उच्च आदर्शों का पालन करो. सोर्स भाषा