VIDEO: गौवंश को 12 महीने अनुदान ! मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की नई पहल, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान में अब नंदी आवारा घूमते नजर नहीं आएंगे. प्रदेश में नंदीशालाओं में अब नंदियाें के चारे के लिए सालभर अनुदान मिलेगा. दूसरी तरफ अंधी और विकलांग गायों को भी सालभर अनुदान मिल सकेगा. सीएम गहलोत की इस बजट घोषणा को गोपालन विभाग 1 अप्रैल से लागू कर देगा. गायों को लेकर राज्य सरकार लगातार संवेदनशीलता दिखा रही है. पिछले वित्त वर्ष में जहां गायों के लिए अनुदान की अवधि 6 माह से बढ़ाकर 9 माह की गई थी. इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में कुछ श्रेणियों में गौवंश को सालभर का अनुदान देने की घोषणा कर दी है.

दरअसल ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा नंदियों से निजात दिलाने के लिए सीएम गहलोत ने यह घोषणा की है. इसकी अनुपालना में गोपालन विभाग ने कवायद तेज कर दी है. इसके तहत उन नंदीशालाओं को चिन्हित किया जा रहा है, जो जिला स्तर पर और पंचायत समिति स्तर पर संचालित हो रहे हैं. इसके साथ ही अब ब्लॉक स्तर पर भी नंदीशालाएं खोलने की कवायद की जा रही है. इन सभी नंदीशालाओं में अब सालभर के लिए अनुदान दिया जाएगा. इसके साथ ही गौशालाओं में अपाहिज या अंधी गायों को भी सालभर के लिए अनुदान देने की घोषणा की गई है. 

35 हजार गौवंश को मिलेगा सालभर अनुदान:
- अभी प्रदेश में 16 जिला स्तरीय नंदीशाला संचालित
- इनमें करीब 7669 नंदियों के चारे के लिए मिल रहा अनुदान
- गोपालन विभाग पंचायत समिति स्तर पर 25 नंदीशाला खोलने को प्रयासरत
- ब्लॉक स्तर पर भी प्रदेश में 85 नंदीशाला खाेली जाएंगी
- इसके अलावा अंधी और अपाहिज गायों को भी मिलेगा सालभर अनुदान
- ऐसी गायों की संख्या अभी प्रदेश में है 16279
- विभागीय रिकॉर्ड में 23948 गाय व नंदी हैं सालभर के अनुदान के लिए योग्य
- हालांकि नई नंदीशाला खुलने से नए वित्त वर्ष में करीब 35 हजार होगी यह संख्या
- क्योंकि ब्लॉक और पंचायत समिति स्तर पर 40 नंदीशाला खोलने की कार्रवाई जारी

राज्य सरकार ने गौशालाओं औन नंदीशालाओं के लिए अगले वित्त वर्ष के लिए करीब 1100 करोड़ रुपए का अनुदान कोष रखा है. आपको बता दें कि बड़ी गाय या नंदी के लिए गोपालन विभाग की ओर से 40 रुपए प्रतिदिन और छोटे गौवंश के लिए 20 रुपए प्रतिदिन की दर से अनुदान दिया जाता है. यह दर भी मौजूदा गहलोत सरकार में ही बढ़ाई गई है. इससे पहले बड़े गौवंश के लिए 32 व छोटे गौवंश के लिए 16 रुपए प्रतिदिन की दर से अनुदान मिलता था.

प्रदेश में गौशालाओं में आवासित गौवंश की संख्या करीब 12 लाख है. नंदीशालाओं में आवासित नंदी और अपाहित व अंधी गायों की कुल संख्या करीब 35 हजार हो सकती है. ऐसे में इन 35 हजार गौवंश को अप्रैल माह से सालभर के लिए सरकारी अनुदान मिलेगा. कुलमिलाकर गहलोत सरकार की इस पहल से एक तरफ जहां आवारा नंदी से किसानों को फसल बचाने में मदद मिलेगी. वहीं अंधी और अपाहिज गायों को अब चारे के लिए खुले में विचरण करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.