VIDEO: 15 साल पुराने वाहन फेज आउट, NGT के निर्देश पर ऐसे वाहनों पर लगाई रोक, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: एनजीटी के निर्देशों के बाद प्रदेश के चुनिंदा शहरों से 15 साल पुराने कमर्शियल डीजल वाहनों को फेज आउट करने का काम तेजी से चल रहा है. परिवहन विभाग के अधिकारी संबंधित शहरों में बड़ी संख्या में ऐसे वाहनों को फेज आउट कर चुके हैं. 

एनजीटी के निर्देशों के बाद प्रदेश में राजधानी जयपुर उदयपुर जोधपुर कोटा और अलवर शहरों में 15 साल पुराने डीजल कमर्शियल वाहनों पर रोक लगी हुई है. एनजीटी के निर्देशों की पालना में परिवहन विभाग तेजी से ऐसे वाहनों को फेज आउट करने का काम कर रहा है. परिवहन विभाग में इन शहरों में से करीब 68 फीसदी गाड़ियों  को फेज आउट कर दिया है. बाकी बची गाड़ियों को फेज आउट करने के लिए भी परिवहन विभाग के अधिकारी तेजी से काम कर रहे हैं. इन शहरों में इस तरह की गाड़ियों पर रोक लगाने के पीछे एनजीटी की मंशा है. कि इन शहरों को प्रदूषण से बचाया जा सके क्योंकि 15 साल पुराने कमर्शियल डीजल वाहनों से प्रदूषण बहुत तेजी से फैलता है. जो लोगों के लिए परेशानी का कारण बनता है देश में और भी कई ऐसे शहर है जहां 15 वर्ष पुराने कमर्शियल डीजल वाहनों के संचालन पर रोक लगी हुई है. 

रोक के भी यहां यह वाहन संचालित होते हैं तो वाहन जब्ती के साथ मोटर व्हीकल एक्ट का जुर्माना और पांच हजार रुपए प्रोटेक्शन चार्ज देना होता है. 15 वर्ष पुराने कमर्शियल डीजल वाहनों को जल्दी फेज आउट करने के लिए विभाग ने स्क्रैप कराने के लिए छूट देने का भी फैसला लिया है. 15 साल पुराने डीजल वाहन को स्क्रैप सेंटर में दिया जाता है तो वाहन मालिक को नया वाहन खरीदने पर ( प्राइवेट पर 25 प्रतिशत और कमर्शियल पर 15 प्रतिशत) टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस में छूट मिलेगी. वहीं वाहन निर्माता कंपनियों की ओर से भी छूट देने की योजना बनाई जा रही है, हेलन के राजस्थान में योजना अभी तक लागू नहीं हो पाई है क्योंकि प्रदेश में अभी तक एक भी स्क्रैप सेंटर संचालित नहीं हो रहा है.

एनजीटी के आदेशों के बाद राजस्थान के 5 शहरों से 15 साल पुराने कमर्शियल डीजल वाहनों को विदाउट तो किया जा रहा है. लेकिन यह भान राजस्थान से बाहर नहीं जा पा रहे हैं. क्योंकि नियमों के अनुसार यह वाहन एनओसी लेकर दूसरे शहरों में संचालित हो सकते हैं ऐसे में अधिकतर वाहन स्वामियों ने संबंधित पांच शहरों से एनओसी लेकर अपने वाहनों का संचालन दूसरे शहरों में करना शुरू कर दिया है. इससे प्रदेश में NGT के आदेश  का कोई खास फायदा दिखाई नहीं दे रहा है. क्योंकि वाहन स्वामियों ने अब ऐसे वाहनों का संचालन प्रदेश के दूसरे शहरों में शुरू कर दिया है. जहां प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है. अगर 15 साल पुराने कमर्शियल डीजल वाहनों के संचालन पर पूरी तरह से रोक लगे तो प्रदेशवासियों को इस फैसले का लाभ मिल सकता है.

बीते 1 साल में किस शहर से कितने वाहनों को परिवहन विभाग ने किया है फेज आउट
1- जयपुर से 29936 ऐसे वाहन फेज आउट किये गए है
2- जोधपुर में 20640 ऐसे वाहन फेज आउट किए गए हैं
3- कोटा में सबसे अधिक 30180 वाहनों को फेज आउट किया गया है
4- उदयपुर में 8980 वाहनों को फेज आउट किया गया है
5- अलवर में सबसे कम 2853 वाहन फेज आउट किए गए हैं