नई दिल्ली: CDRA का 19वां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया. जिसका केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने उद्घाटन किया. इस दौरान जेपी नड्डा ने कहा कि अभूतपूर्व कोविड-19 महामारी के दौरान, भारत न केवल स्वास्थ्य लचीलेपन में एक वैश्विक नेता के रूप में उभरा है. बल्कि दुनिया की फार्मेसी के रूप में अपनी भूमिका की भी पुष्टि की.
भारत ने अपने स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे का विस्तार किया और घरेलू और वैश्विक दोनों मांगों को पूरा करने के लिए वैक्सीन उत्पादन को बढ़ाया है. दुनिया की फार्मेसी के रूप में, भारत ने महत्वपूर्ण दवाओं और टीकों तक सस्ती पहुंच सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
आज भारत में 8 औषधि परीक्षण प्रयोगशालाएं चालू हैं तथा 2 और चालू होने वाली हैं. आयातित सामग्री का त्वरित परीक्षण करने के लिए विभिन्न बंदरगाहों पर 8 लघु परीक्षण प्रयोगशालाएं चालू हैं. 95% से अधिक विनियामक प्रक्रिया का डिजिटलीकरण हो चुका है. चिकित्सा उपकरण उद्योग का भी अब विनियमन किया जा रहा है.
भारत वैश्विक स्वास्थ्य को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. हम तीन 'S' - 'कौशल, गति और पैमाना' में विश्वास करते हैं. तीन पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करके वैश्विक गुणवत्ता मानकों का पालन कर फार्मा उत्पादों की मांग को पूरा करने में सक्षम हुए हैं.
CDRA का 19वां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन
— First India News (@1stIndiaNews) October 14, 2024
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सम्मेलन का किया उद्घाटन, CDRA का 19वां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को जेपी नड्डा कर रहे संबोधित...#FirstIndiaNews @JPNadda pic.twitter.com/YL39HnSYji