जैसलमेर: अक्सर फिल्म में देखने को मिलता है कि दो दोस्तों की जोड़ी इतनी गहरी हो जाती है कि वे अपने परिवार तक से खिलाफत कर लेते हैं और अपने जीवन के सपनों को पूरा करने व जीवन लक्ष्य के लिए घर-परिवार छोड़ निकल जाते हैं. ऐसा ही मामला जैसलमेर जिले में सामने आया है जहां जोधपुर के शास्त्री नगर स्थित निजी विद्यालय के कक्षा 9 में पढ़ने वाले 2 दोस्त अपने जीवन लक्ष्य को लेकर घर से भाग निकले और जैसलमेर में पकड़े गए.
दरअसल, जोधपुर शहर के अरिहंत नगर पाल रोड निवासी आरव पुत्र प्रशांत परिहार व अभिनव भार्गव पुत्र पिंटू भार्गव निवासी पावटा जोधपुर दोनों ही 14 वर्षीय नाबालिग लड़के हैं. और शास्त्री नगर स्थित एक निजी विद्यालय में कक्षा 9 में क्लासमेट हैं. वही दोनों के विचार मिलते हैं. वही दोनों के माता-पिता जहां इन्हें डॉक्टर और इंजीनियर बनाना चाहते हैं वहीं इन दोनों का life goal कुछ और ही करने का है और अपने इस अचीवमेंट के लिए दोनों ने ही घर से भागने का निर्णय कर लिया.
शनिवार को स्कूल की छुट्टी होने के बाद जब दोनों साथी घर नहीं पहुंचे तो दोनों के ही परिजन उनकी तलाश में जुट गए और काफी तलाश ने बाद भी वे जब नही मिले तो परिजनों ने आखिरकार शास्त्री नगर स्थित पुलिस थाने में गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज करवा दिया. जिसके बाद पुलिस दोनों की तलाश में जुट गई और सीसीटीवी फुटेज खंगालने लगी. इस दौरान दोनों ही साथी करीब 1:00 बजे जोधपुर रेलवे स्टेशन के CCTV फुटेज में टिकट लेते दिखे. जिसके बाद जोधपुर पुलिस ने रेलवे पुलिस और माउंट आबू, जयपुर, जैसलमेर सहित अन्य जिलों के पुलिस विभाग पर भी आरव- अभिनव की गुमशुदगी की सूचना पहुंचा दी.
गुल्लक के पास ही एक नोट मिला:
पुलिस में सूचना देने के बाद जब अभिनव के पिता घर पहुंचे तो उन्होंने पाया की घर के गुल्लक में रुपए नहीं है और वहीं गुल्लक के पास ही एक नोट मिला है जिसमें अंग्रेजी में लिखा है कि-मम्मी पापा मुझे पता है कि आप सोच रहे होंगे कि मैं कहां हूं...मैं अपने दोस्त आरव के साथ जा रहा हूं.. आप टेंशन मत लेना...मैं वापस जरूर आऊंगा... पैसे वाला बन कर आऊंगा... हम दोनों साथ में भाग रहे हैं... नाराज मत होना... मम्मी ऐसा समझ लेना मैं कहीं बाहर पढ़ने गया हूं... वापस जरूर आऊंगा... लेकिन कामयाब होकर आऊंगा... अपना ख्याल रखना और टोया का भी और यह बात आरव के परिवार को भी बता देना कि वह भी मेरे साथ है. आपकी याद आएगी मम्मी! आई लव यू मम्मी, पापा और टोया. ज्यादा रोना मत मैं 8-10 साल मैं कामयाब होकर वापस आ जाऊंगा. जैसा चल रहे थे वैसे ही चलते रहना. दुखी मत होना क्योंकि मैं आऊंगा जरूर.
आरव और अभिनव की जोड़ी को पुलिस और GRP ढूंढ रही थी:
एक तरफ जहां आरव और अभिनव की जोड़ी को पुलिस और GRP ढूंढ रही थी. वहीं करीब 9:00 बजे ये दोनों साथी जोधपुर से जैसलमेर बाई ट्रेन पहुंच गए. वहीं जैसलमेर पहुंचते ही शहर स्थित गड़ीसर चौराहा पर एक मोबाइल की दुकान पर सिम खरीदने ये पहुंचे. जहां जीआरपी जैसलमेर में कार्यरत हेड कॉन्स्टेबल दुर्गसिंह भाटी की इन पर नजर पड़ गई और वे इन दोनों से समझाइश कर इन्हें जीआरपी चौकी रेलवे स्टेशन जैसलमेर ले आए. जिसके बाद दुर्ग सिंह ने रेलवे स्टेशन जोधपुर व जोधपुर पुलिस को इस मामले की सूचना दी. जिस पर जोधपुर पुलिस और आरव-अभिनव के पिता जैसलमेर के लिए रवाना हुए और रात्रि करीब 3:00 बजे जैसलमेर पहुंचे. जिसके बाद कानूनी कार्यवाही कर दोनों बच्चों को उनके माता-पिता को सुपुर्द किया गया. इस दौरान दुर्गसिंह की सूझबूझ से जहां माता-पिता को अपने बेटे मिल गए वहीं आरव-अभिनव को भी अपनी गलती का पछतावा हुआ और माता-पिता ने भी कह दिया कि जो जीवन में चाहते हो वही बनो वही उनकी इस गलती के लिए उन्हें माफ भी कर दिया.