Mumbai Attack: तहव्वुर राणा ने अपने मामले की स्थिति जानने के लिए अमेरिकी अदालत में याचिका दायर की

वाशिंगटन: मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकवादी हमलों के आरोपी एवं पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा ने अपने भारत प्रत्यर्पण संबंधी आदेश का 20 महीने से अधिक समय तक इंतजार करने के बाद ‘स्टेटस कांफ्रेंस’ (मामले की स्थिति जानने के संबंध में न्यायाधीश से मुलाकात) के लिए अमेरिका की अदालत का रुख किया है.

राणा को भारत में भगोड़ा घोषित किया गया:
आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली के दोस्त राणा (62) को मुंबई हमलों में उसकी संलिप्तता के आरोपों के कारण भारत द्वारा प्रत्यर्पण का अनुरोध किए जाने पर लॉस एंजिलिस में फिर से गिरफ्तार किया गया था. इस हमले में छह अमेरिकियों समेत 166 लोगों की मौत हुई थी. राणा को भारत में भगोड़ा घोषित किया गया है.

लॉस एंजिलिस में अमेरिकी जिला अदालत की न्यायाधीश जैकलीन चूलजियान ने प्रत्यर्पण मुद्दे पर आखिरी सुनवाई जून 2021 को की थी और आखिरी बार कागजात जुलाई 2021 में दायर किए गए थे. राणा को भारत प्रत्यर्पित करने के अमेरिका सरकार के अनुरोध पर अदालत ने अभी फैसला नहीं सुनाया है.

अमेरिका सरकार ने इस याचिका का विरोध नहीं किया:
राणा ने अपने वकील के जरिये एक याचिका दायर कर ‘स्टेटस कांफ्रेंस’ का अनुरोध किया है. राणा के वकील ने कहा कि मामले में आखिरी दलील 21 जुलाई 2021 को दायर की गई थी. इतना समय बीत जाने और राणा के लगातार कारावास में रहने के मद्देनजर अदालत और वकील द्वारा मामले की वर्तमान स्थिति पर चर्चा करना उचित प्रतीत होता है. अमेरिका सरकार ने इस याचिका का विरोध नहीं किया है. राणा के वकीलों ने 25 अप्रैल को ‘स्टेटस कांफ्रेंस’ किए जाने का सुझाव दिया है. सोर्स-भाषा