Smart City Mission: 68 स्मार्ट शहर लक्ष्य से पीछे, संसदीय समिति ने ठोस प्रयास करने के दिए निर्देश

नई दिल्ली: सरकार के महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी मिशन के तहत जनवरी 2023 तक 68 स्मार्ट शहरों ने मिशन के अपने वास्तविक लक्ष्यों को प्राप्त नहीं किया है तथा इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए मिशन की अवधि को इस साल जून तक बढ़ाया गया है. संसद की एक स्थायी समिति की रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है.

समिति ने सरकार से मिशन के वास्तविक और वित्तीय दोनों लक्ष्यों को विस्तारित समय अवधि में पूरा करने के लिए इन पीछे चल रहे स्मार्ट सिटी के साथ मजबूती से प्रयास करने को कहा है. संसद में 20 मार्च को पेश जनता दल यू के सांसद राजीव रंजन सिंह की अध्यक्षता वाली आवासन और शहरी कार्य संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट में यह बात कही गई है.

पांच साल की निर्धारित अवधि पूरी हो गई:
रिपोर्ट के अनुसार, समिति इस बात को संज्ञान में लेती है कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत चयन का अंतिम दौर जनवरी 2018 में हुआ था और इसलिए पांच साल की निर्धारित अवधि पूरी हो गई है. रिपोर्ट में कहा गया कि जहां तक मंत्रालय के वित्तीय आवंटन का संबंध है, मिशन को दी गई 48,000 करोड़ रूपये की समग्र वित्तीय सहायता में 36,561 करोड़ रूपये जारी किए जा चुके हैं. इसमें से 33,012 करोड़ रूपये (कुल जारी राशि का 90 प्रतिशत) स्मार्ट सिटी द्वारा उपयोग किए गए हैं.

शहर-वार वास्तविक प्रगति से यह पता चलता है:
समिति ने कहा कि मिशन के तहत 100 स्मार्ट सिटी ने 2,05,018 करोड़ रूपये की परियोजना का प्रस्ताव किया था जिसमें से 1,81,349 करोड़ रूपये की 7821 परियोजनाएं शुरू की जा चुकी हैं. रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 1,00,450 करोड़ रूपये की 5343 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं. इसके अनुसार, स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शुरू की गई परियोजनाओं की शहर-वार वास्तविक प्रगति से यह पता चलता है कि विभिन्न शहरों के कार्य निष्पादन में बहुत अधिक अंतर है.

अधिक संख्या में कार्य को पूरा कर लिया:
रिपोर्ट में कहा गया है कि, एक ओर, 32 स्मार्ट शहरों ने मिशन के तहत कार्यान्वय के लिए नियोजित परियोजनाओं और कुछ मामलों में वास्तविक लक्ष्य से चार गुणा से भी अधिक संख्या में कार्य को पूरा कर लिया है. इसमें कहा गया है कि शेष 68 स्मार्ट शहरों को अभी भी परियोजना के लक्ष्यों को पूरा करना है जिसमें से कुछ शहरों का प्रदर्शन काफी निराशजनक है. समिति ने कहा कि ऐसे में पूरी की गई परियोजनाओं की कुल संख्या एक भ्रामक चित्र प्रस्तुत करती है क्योंकि इसमें 32 बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्मार्ट शहरों द्वारा पूरी की गई अतिरिक्त परियोजनाओं को भी ध्यान में रखा गया है.

मिशन की अवधि जून 2023 तक बढा दी गई:
रिपोर्ट के अनुसार, समिति की राय है कि यदि पूर्ण की गई परियोजनाओं में से ‘अतिरिक्त परियोजनाओं’ की संख्या को हटा दिया जात है तो 31 जनवरी 2023 की स्थिति के अनुसार मिशन के तहत पूर्ण की गई परियोजनाओं की वास्तविक संख्या अनुमानित संख्या से बहुत कम होगी. समिति ने कहा कि तथ्य यह है कि 31 जनवरी 2013 की स्थिति के अनुसार, 68 स्मार्ट शहरों ने मिशन के तहत अपने वास्तवित लक्ष्यों को प्राप्त नहीं किया, इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए मिशन की अवधि जून 2023 तक बढा दी गई है.

समय विस्तार नहीं देने की सिफारिश की:
समिति ने इस बात पर बल दिया है कि मंत्रालय को पिछड़ते स्मार्ट सिटी के साथ मजबूती से प्रयास करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वास्तविक और वित्तीय दोनों लक्ष्यों को वास्तव में विस्तारित समय अवधि अर्थात जून 2023 के भीतर प्राप्त कर लिया जाए. संसदीय समिति ने इसमें हुए अत्यधिक विलंब के कारणों का विस्तृत मूल्यांकन करने तथा इसका समाधान किए बिना और समय विस्तार नहीं देने की सिफारिश की है. सोर्स-भाषा