जयपुर: 25 नवंबर से 27 नवंबर तक राजधानी गुलाबी नगरी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 68वां राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित हुआ. रविवाक को अंतिम दिन समाज सेवी के रूप में काम करने वाले नंदकुमार पालवे को प्रा यशवंतराव केलकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया, इस सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नंद कुमार पालवे को पुरस्कार देकर सम्मानित किया.
स्वीकृति मिलना प्रसन्ता का विषय है:
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 68 मे राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है की मैं ABVP के राष्ट्रीय अधिवेशन में आया. दुनिया में प्रशंसा मिलना और स्वीकृति मिलना प्रसन्ता का विषय है, लेकिन कुछ कर गुजरना अलग बात है. परिषद की 75वीं स्थापना होने में 2 साल का समय बाकी है. अमृत महोत्सव 2 साल के बाद होगा, हम जिस विचार कुल के हैं उसको 100 साल पूरे होने जा रहे हैं, 1991 में प्रतिनिधि बनकर राजस्थान आया था, उसके बाद 2004 के अधिवेशन में भी राजस्थान आया था. 1
कार्यकर्ताओं की संख्या 45 लाख से ज्यादा हो गई:
991 में जब आया था तब भी तबीयत ठीक नहीं थी और आज भी ठीक नहीं है. यशवंत राव जी का इस संगठन को मजबूत करने का काम किया. यशवंत जी के साथ ही ऐसे कई नाम है. जिन्होंने ने अपना योगदान दिया. मैं समाज को संघटित देखना चाहता हूं. मैं परिषद को हनुमान मानता हूं, क्योंकि उनको पता नहीं है कि उनकी ताकत क्या है. आज परिषद के कार्यकर्ताओं की संख्या 45 लाख से ज्यादा हो गई है.
साल बड़ा अधिवेशन होने जा रहा है:
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने संबोधित करते हुए कहा कि अगले साल बड़ा अधिवेशन होने जा रहा है,आप मुझे हमेशा बुलाते हैं, लेकिन अगली बार मुझे प्रबंधक के रूप में बुलाओ और आज ही मेरा रजिस्ट्रेशन करवा लेना प्रबंधक के रूप में लेकिन मुझे भोजन वाले में प्रबंधक लगाना हमे संस्कार और प्रेरणा मिली है परिषद से, जब पेट्रोलियम की बात आई तो समय प्रधानमंत्री से निवेदन किया की एक बार जनता से अपील करके देंखे और मित्रों देश की जनता ने देश का साथ दिया और रसकारात्मक सोच रखने वाले हमेशा सकारात्मक ही सोचते हैं.
गंदगी को साफ करने का काम करना सिखाती है:
पालवे जी ने मेरे सामने कुछ सुझाव रखे हैं, मैं महाराष्ट्र और केंद्र सरकार के स्तर पर कोशिश करूंगा कि जल्द ही इसपर काम हो. कई बार नदी बहना रुकती है तो गंदगी भी हो जाती है. लेकिन परिषद इस गंदगी को साफ करने का काम करना सिखाती है. आज देश मे राष्ट्रीय शिक्षा नीति का ढांचा बन गया है. हमे हमारे 130 करोड़ लोगों की चिंता करनी है. आज देश में 30 करोड़ बच्चे पढ़ रहे हैं. 26 करोड़ स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा में 4 करोड़ बच्चे हैं. NEP को बनाना आसान है, लेकिन लागू करना चुनोती है.
ऑटो चलाने वाले भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सकता है:
जब मैं सुनता हूं कि किसी राज्य ने विरोध किया तो उन पर हंसी आती है. आज टेक्नोलॉजी का बोल बाला बढ़ रहा है, इससे आंख नहीं मूंद सकते हैं. हमको इसके साथ आगे बढ़ना है, आज भी 20 करोड़ लोग शिक्षा से दूर है लेकिन NEP के माध्यम से अब ऑटो चलाने वाले भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सकता है, आज से 50 साल आगे की बाद कि सोचनी है तो शुरुआत आज से ही करनी है, आज मैं आपसे केंद्रीय शिक्षा मंत्री के नाते अपील नहीं कर रहा हूं, एक आम नागरिक के नाते में अपील करता हूं कि ABVP को आगे आना होगा.
अगर एक कार्यकर्ता भी किसी की पढ़ाने का जिम्मेदारी लेता है. तो 45 लाख लोग अपने आप ही शिक्षत हो जाएंगे, नरेंद्र मोदी 130 करोड़ लोगों की पराकाष्ठा की प्रति कृति है. हमारी जिम्मेदारी क्या है, इस बात को समझना होगा. विश्व मे कितने देश है लेकिन इसके बाद भी अमेरिका भारत की ओर देख रहा है, हमारे देश के नोजवानों में इतनी ताकत है, विश्व की नई परिभाषा भारत को बनानी है. और ABVP को इसमें अपना योगदान देना है. देश ने स्पेस पॉलिसी को बदला है. रतन जी की जगह भविष्य में ऐसे व्यक्ति को बैठाए जहां से देश और विकास करे. हम बुद्धिमान लोगों का समूह है. परिषद ने देश के नोजवानों को मौका दिया है.