मुंबई: मुंबई में 84वां अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में आयोजित किया गया. मुंबई के विधानभवन में 2 दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया. जहां लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने समापन सत्र में कहा कि सदन में आम लोगों की समस्याओं के समाधानों पर चर्चा हो. विधानमंडलों में डिबेट और डिस्कशन हो. भावी पीढ़ी हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं के कार्यक्रम को देखें. वन नेशन वन लेजिसलेशन को 2024 में पूरा करेंगे.
विधायी संस्थाओं को जनता के प्रति जवाबदेही बनाएंगे. अंतिम व्यक्ति की आवाज सदन बने,सरकार को पूरा फीडबैक आम आदमी की समस्या इन सब की जानकारी विधान मंडलों से ही मिलती है.
अब समय आ गया है जब सदन में अनुशासन रखना ही होगा. सदन के संचालन के समय सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए सदन में अनुशासन ऐसा होगा तो पूरी दुनिया में हमारी संसदीय प्रणाली की तारीफ होगी. 2024 में एक देश एक विधानमंडल के विजन को पूरा करना है. अंतिम व्यक्ति की आवाज सदन बने यह प्रयास साकार करना है.
बता दें कि मुंबई में 84वां अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का शनिवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने उद्घाटन किया. इस दौरान सभी राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष इस सम्मेलन में शामिल हुए. देश के पीएम मोदी वीसी के माध्यम से जुड़े और संसदीय सत्र को और मजूबत कैसे किया जा सकता है. इस पर चर्चा की गई. इसके साथ ही जहां पेपर लेस विधानसभाएं, सदन में बैठकों की संख्या में बढ़ोतरी और विधायकों की उपस्थिति समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई.