Adani Group अगले 10 साल में ऊर्जा, डेटा केंद्रों में 100 अरब डॉलर का करेगा निवेश

नई दिल्ली: अडाणी समूह अगले दशक में 100 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगा. यह निवेश मुख्य रूप से नयी ऊर्जा और डेटा केंद्र सहित डिजिटल क्षेत्र में किया जाएगा. अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

दुनिया के दूसरे सबसे धनी व्यक्ति अडाणी ने कहा कि इस निवेश का 70 प्रतिशत हिस्सा ऊर्जा संक्रमण क्षेत्र में होगा. बंदरगाह से लेकर ऊर्जा कारोबार में शामिल समूह आने वाले दिनों में 45 गीगावाट हाइब्रिड अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता जोड़ेगा करेगा. इसके अलावा सौर पैनल, पवन टर्बाइन और हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर बनाने के लिए तीन कारखानों को स्थापित किया जाएगा.

सम्मेलन का आयोजन सिंगापुर में किया गया:
अडाणी समूह के संस्थापक और चेयरमैन ने फोर्ब्स ग्लोबल सीईओ सम्मेलन में कहा, 'एक समूह के रूप में, हम अगले दशक में 100 अरब डॉलर से अधिक की पूंजी का निवेश करेंगे. हमने इस निवेश का 70 प्रतिशत ऊर्जा संक्रमण क्षेत्र के लिए तय किया है. इस सम्मेलन का आयोजन सिंगापुर में किया गया.

उन्होंने कहा कि हमारे मौजूदा 20 गीगावाट नवीकरणीय पोर्टफोलियो के अलावा, नए व्यवसाय को 45 गीगावाट हाइब्रिड नवीकरणीय बिजली उत्पादन द्वारा बढ़ाया जाएगा. यह उद्यम 100,000 हेक्टेयर भूमि में फैला हुआ है, जो सिंगापुर का 1.4 गुना क्षेत्र है. इससे तीन करोड़ टन ग्रीन हाइड्रोजन का व्यावसायीकरण होगा.

कम लागत में ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन भी करेंगे:
समूह तीन गीगा फैक्ट्रियों की स्थापना भी करेगा - (1) 10 गीगावॉट सिलिकॉन आधारित फोटोवोल्टिक मूल्य-श्रृंखला के लिए, रॉ सिलिकॉन से लेकर सोलर पैनल तक को एकीकृत करेगी. (2) 10 गीगावॉट की एकीकृत पवन टरबाइन विनिर्माण संयंत्र और (3) पांच गीगावॉट हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर फैक्टरी. उन्होंने कहा कि आज हम ग्रीन इलेक्ट्रॉन के सबसे कम खर्चीले उत्पादक हैं, और हम सबसे कम लागत में ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन भी करेंगे.

यह देश अब चुनौतियों का सामना कर रहा:
अडाणी ने आगे कहा कि भारतीय डेटा सेंटर बाजार तेजी से बढ़ रहा है. यह क्षेत्र दुनिया के किसी भी अन्य उद्योग की तुलना में अधिक ऊर्जा की खपत करता है और इसलिए ग्रीन डेटा सेंटर बनाने का हमारा कदम एक बहुत बड़ा बदलाव है. उन्होंने कहा कि भारत अविश्वसनीय अवसरों से भरा है और वास्तविक भारत के विकास की कहानी अभी शुरू हो रही है. अडाणी ने चीन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कभी वैश्वीकरण में अग्रणी रहा यह देश अब चुनौतियों का सामना कर रहा है. सोर्स-भाषा