जयपुर: अशोक गहलोत ने गुरुवार को कहा कि राजस्थान में सीरो सर्वेक्षण के दौरान 90 प्रतिशत लोगों में 'एंटीबॉडी' (रोग प्रतिरोधक क्षमता) पाई गई है. उन्होंने एक बयान में कहा,'मुझे यह बताते हुए संतोष है कि राजस्थान में सीरो सर्विलांस करवाया गया, जिसमें 90 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी पाई गई है.'
गहलोत के अनुसार, यह दर्शाता है कि राज्य में कोरोना संक्रमण का सामुदायिक प्रसार होकर 'हर्ड इम्युनिटी' विकसित हो चुकी है. मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि फिर भी टीकाकरण आवश्यक है.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड की स्थिति को लेकर गुरुवार को मुख्यमंत्रियों के साथ ऑनलाइन चर्चा की. मुख्यमंत्री गहलोत भी इसमें शामिल हुए. हालांकि, अपनी बात रखने का मौका केवल आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों को ही मिला.
गहलोत ने बाद में कहा कि प्रधानमंत्री के साथ चर्चा में अवसर नहीं मिलने के कारण वे कोरोना प्रबंधन को लेकर अपने सुझाव सोशल मीडिया के जरिए साझा कर रहे हैं. गहलोत के सुझावों में कोरोना बचाव की एहतियाती खुराक सभी आयु वर्ग के लिए उपलब्ध करवाने, एहतियाती खुराक के लिए अंतराल को नौ माह से घटाकर तीन से छह महीने करने का सुझाव भी शामिल है.
चर्चा में अवसर नहीं मिलने के कारण सोशल मीडिया के माध्यम से जनहित में कोविड प्रबंधन को लेकर अपने सुझाव साझा कर रहा हूं। @narendramodi @mansukhmandviya pic.twitter.com/MjavahxfDF
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 13, 2022
मुख्यमंत्री के अनुसार, राज्य में 130 करोड़ रूपये की लागत से ‘इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रोपिकल मेडिसिन एंड वायरोलॉजी‘ की स्थापना का काम शुरू कर दिया गया है. इसमें 'नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी', पुणे एवं 'स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन', कोलकाता, दोनों की विशेषज्ञताओं एवं आधुनिकतम सुविधाओं का समावेश किया जा रहा है, जिससे भविष्य में वायरसजनित बीमारियों के अध्ययन एवं चुनौतियों से निपटने में आसानी होगी.