अंता(बारां): कस्बे की नीलकंठ कॉलोनी के पास कई गांवों से जोड़ने वाली सड़क पर डाला जा रहा कचरा (garbage) राहगीरों और आमजन का सिर दर्द बना हुआ है. अंता (Anta) के नीलकंठ कॉलोनी के पास बिशनखेड़ी रोड़ पर कस्बे के कचरे को डाल दिया जाता है. जिससे कचरा रोड़ पर ही फैला रहता है और कचरे के पहाड़ बन जाते हैं. साथ ही जानवरो का जमघट भी सड़कों पर लगा रहता है और दिन भर गायें इस कचरे को खाती रहती है.
एक तरफ जहां स्वछता अभियान के नाम पर सार्वजनिक स्थानों पर सफाई करवाई जाती है. वहीं दूसरी ओर कस्बे का कचरा एकत्रित कर सड़कों पर डाल देने से राहगीरों को गंदगी और बदबू का सामना करना पड़ रहा है. कभी-कभी तो लोगों को बदबू की वजह से उल्टियां भी हो जाती है और कई वहान पंचर हो जाते हैं. जिससे यहाँ होकर निकलने वाले राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
गर्मियों के समय इसमें कई बार आग लग जाती है जिससे आस-पास के किसानों की फसल जलने का खतरा बना रहता है. इसी के पास वाटर पंप हाउस भी है जहाँ पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी गंदी बदबू का सामना करना पड़ता है. यह सड़क बिशनखेड़ी, भोज्याखेड़ी, लदवाड़ा सहित अंता कस्बे को जोड़ती है. इसी के साथ अंता के बीच नागली पुलिया के पास भी कचरे को खाली कर दिया जाता है. लेकिन फिर भी नगर पालिका का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. साथ ही श्मशान घाट के रास्ते पर भी कचरा एकत्रित हो चुका है.
कचरे के ढेर से फारेस्ट विभाग परेशान:
पालिका द्वारा कचरे का निस्तारण नहीं किया जा रहा बल्कि रोड़ पर डाल दिया जाता है. इस जगह पर फारेस्ट विभाग शहरी वृक्ष कुंज बनाना चाहती थी और शहरी क्षेत्र की जनता के लिए मोर्निंग वाकिंग ट्रेक बनाया जाना था. लेकिन अंता नगर का संग्रहित कचरा इसी जगह पर डाला जा रहा है. इस कारण फारेस्ट विभाग को परेशानी का सामना करना पड़ा था. फारेस्ट विभाग द्वारा 850 पौधें लगाए गए थे जो कि एक ऑक्सीजन सप्लीमेंट्री जॉन बनना था. लेकिन यहाँ कचरे के ढेर लगे होने से आने-जाने का रास्ता नहीं होने से यह प्रोजेक्ट भी ठंडे बस्ते में चला गया. अंता से आलोक बादल की रिपोर्ट...