बाड़मेर: सोमवार को पश्चिमी राजस्थान के जिले में हर किसी को झकझोर कर देने वाला एक ऐसा दृश्य देखने को मिला जो जिम्मेदार लोगों के मुंह पर तमाचा था. दरअसल, जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर कुड़ला गांव में शहर के गंदे पानी का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (sewerage treatment plant) लगाया हुआ है.
बारिश के कारण यह प्लांट पानी से पूरा भर गया और ओवरफ्लो होने के कारण शहर का गंदा पानी पूरे गांव में पसर गया. जिसके कारण गांव के रास्ते बंद हो गए. इसके चलते कल दोपहर को 60 वर्षीय राम सिंह अपने खेत में काम कर रहा था. लेकिन अचानक तबीयत बिगड़ने के कारण उसके परिजन उसे अस्पताल ले जाना चाह रहे थे.
रास्ता बंद होने के कारण कोई एंबुलेंस या अन्य गाड़ी गांव में नहीं आई. जिसके बाद जैसे-तैसे करके रामसिंह के परिवार के लोग उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन तब तक उसने दम तोड़ दिया था. उसके बाद भी शहर का गंदा पानी उस बुजुर्ग को श्मशान घाट तक ले जाने में भी समस्या बनकर खड़ा रहा क्योंकि रामसिंह का शव अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट में जाना था.
प्रशासन बरत रहा लापरवाही:
गांव के रास्ते में करीब 3 से 4 फुट तक पानी भरा हुआ तो लोगों ने बड़ी मुश्किल से उनके शव को श्मशान घाट तक पहुंचाया. गांव के लोगों का आरोप है कि इसको लेकर हमने कई बार प्रशासनिक अधिकारियों और गांव के सरपंच को शिकायत की लेकिन उसके बावजूद किसी के कान पर जूं नहीं रेंगी. जिसके कारण रामसिंह को अपना दम तोड़ना पड़ा.