झालार: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा मध्यप्रदेश में अपनी यात्रा के 10 वें दिन आगर मालवा जिले के लिए रवाना हुई. रात्रि विश्राम के बाद यात्रा सुबह करीब छह बजे उज्जैन के बाहरी इलाके झालार गांव से दोबारा शुरू हुयी.
पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन भी मौजूद थीं:
सुबह पैदल मार्च के दौरान राहुल गांधी के साथ महिला कांग्रेस की नेता शोभा ओझा और पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन भी मौजूद थीं. साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और प्रदेश के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी भी यात्रा में शामिल हुए. लोकसभा में मंदसौर का प्रतिनिधित्व कर चुकीं नटराजन ने कहा कि आज की यात्रा का विषय ‘महिलाओं के साथ चलो’ है. उन्होंने कहा कि चाय के दौरान, गांधी ने विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं के एक समूह के साथ बातचीत की जिसमें इस थीम के हिस्से के तौर पर स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के सदस्य और कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल थीं.
यात्रा सुबह करीब दस बजे समुरा खेड़ी गांव में विराम लेगी. पार्टी सूत्रों ने बताया कि दोपहर के विराम के बाद यह साढ़े तीन बजे आगर मालवा जिले के आगर छावनी चौक पहुंचेगी. उन्होंने बताया कि यात्रा का अगला रात्रि विश्राम कासी बरदिया गांव में होगा. ब्रिगेडियर प्रदीप यदु (सेवानिवृत्त) और उनके दल ने मार्ग में गांधी से मुलाकात की और सेना में अहीर रेजिमेंट के गठन की मांग की. सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से कश्मीर तक कांग्रेस का यह व्यापक जनसंपर्क कार्यक्रम शुरू हुआ था.
अंचल में 380 किलोमीटर का फासला तय करेगी:
राहुल की अगुवाई वाली यात्रा महाराष्ट्र से गुजरने के बाद ‘‘दक्षिण का द्वार’’ कहे जाने वाले बुरहानपुर जिले के बोदरली गांव से मध्यप्रदेश में 23 नवंबर को दाखिल हुई थी. यह यात्रा चार दिसंबर को राजस्थान में दाखिल होने से पहले, 12 दिन के भीतर पश्चिमी मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल में 380 किलोमीटर का फासला तय करेगी.
प्रसिद्ध भगवान महाकाल मंदिर के दर्शन किए:
प्रदेश में यात्रा अब तक बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, इंदौर और उज्जैन जिलों से होकर गुजरी है. भाजपा शासित मध्यप्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने उज्जैन में मंगलवार को देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक प्रसिद्ध भगवान महाकाल मंदिर के दर्शन किए. इससे पहले, उन्होंने खंडवा जिले में एक अन्य ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की थी. सोर्स-भाषा