चूरू: संभागीय आयुक्त डाॅ नीरज के पवन की पहल पर जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग के निर्देशानुसार बुधवार को घांघू ग्राम पंचायत मुख्यालय स्थित राजीव गांधी आईटी सेंटर में ग्राम पंचायत की ओर से ग्रामीणों ने खेजड़ी के पौधे लगाए.
इस मौके पर ग्राम सेवा सहकारी समिति के पूर्व अध्यक्ष परमेश्वर लाल दर्जी ने कहा कि खेजड़ी का पेड़ रेगिस्तान के किसानों के लिए वरदान है और बारिश की कमी के बावजूद यह पेड़ हर साल लूंग, लकड़ी देकर किसान की आर्थिक मदद करता है. उन्होंने कहा कि राजस्थान ऐसा प्रदेश है जहां खेजड़ी के पेड़ों की रक्षा के लिए 363 लोगों ने एक साथ अपने जीवन का बलिदान दिया था. इस एक उदाहरण से हम खेजड़ी और पेड़ों का महत्त्व समझ सकते हैं.
सामाजिक कार्यकर्ता महावीर सिंह नेहरा ने कहा कि हम प्रकृति और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों से दूर होने की सजा अपनी बीमारियों के रूप में भुगत रहे हैं. हमें अपने स्वास्थ्य और जीवन को बेहतर बनाए रखने के लिए प्रकृति के समीप रहना चाहिए और अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए.
सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कुमार अजय ने संभागीय आयुक्त की पहल की सराहना करते हुए कहा कि पहले ऊंट या बैल से खेती के समय किसान पेड़ों को बचा लेता था और हर साल एक-दो नए पेड़ तैयार हो जाते थे लेकिन यांत्रिक खेती ने पर्यावरण का बड़ा नुकसान किया है और हर खेत में खेजड़ी कम होती जा रही है. हमारे यहां की जलवायु में पनपने वाले पौधों में खेजड़ी सर्वाधिक उपयोगी और आर्थिक महत्त्व वाला पौधा है. हमें इसे बचाने के लिए समुचित ढंग से प्रयास करने चाहिए.
वृक्षारोपण सहित श्रमदान भी किया:
इस दौरान पूर्व लेफ्टिनेंट युनुस अली और पूर्व एथलीट हरफूल सिंह राहड़ के नेतृत्व में ग्रामीणों ने पौधे लगाए और सेंटर में श्रमदान किया. वार्ड पंच अमित शर्मा, ग्राम पंचायत के कनिष्ठ लिपिक सत्यप्रकाश मीणा, वन रक्षक गजेंद्र सिंह तंवर, आजम खान, युसुफ खान सामाजिक कार्यकर्ता बीरबल नोखवाल, मुकेश गुरी, विशाल दर्जी, पंचायत सहायक राजवीर सिंह राठौड़, सुभाष सेवदा आदि ने पौधरोपण में सहयोग किया.