नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्ति प्रकरण (Congress President Election) में राजस्थान से जुड़ी सबसे बड़ी खबर निकलकर सामने आई है जिसका आज हर किसी को इंतजार है ! आलाकमान के एक बडे़ नेता के अनुसार 26 या 27 सितंबर को पर्चा भरने से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) का इस्तीफा नहीं होगा. मुख्यमंत्री रहते हुए ही गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष का पर्चा भरेंगे. इसके बाद 19 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद इस बारे में अंतिम फैसला होगा. संभवतः इस बारे में विधायक दल की बैठक में फैसला होगा. विधायक दल की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष और सीएम का 'डबल चार्ज' रखने के बारे में अंतिम फैसला किया जाएगा.
अलबत्ता इस बारे में राहुल आज गहलोत से चर्चा के बाद FINAL CALL लेंगे. अब इसके साथ ही एक दूसरा यक्ष प्रश्न जुड़ा है ? 19 अक्टूबर के बाद यदि गहलोत का इस्तीफा हुआ तो कौन नया मुख्यमंत्री बनेगा ? क्या गहलोत की ही पसंद का होगा नया मुख्यमंत्री ? इसी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए गहलोत अपने उत्तराधिकारी का नाम सुझा चुके हैं. अशोक गहलोत एक महीने पहले ही सोनिया को डॉ. सीपी जोशी (Dr. CP Joshi) का नाम दे चुके. कल भी गहलोत ने सोनिया से दो टूक शब्दों में अपनी बात कही थी. नए मुख्यमंत्री का चयन विधायकों की राय से करने की सलाह दी थी.
अब इस सारे माहौल में आखिर कहां खड़े हैं सचिन पायलट ?
इसका अर्थ यह है कि गहलोत ने विधायकों की CHOICE सीपी को माना है. इसके बाद सोनिया और प्रियंका से अकेले में भी गहलोत के मिलने की खबर आई है. इन सभी मुलाकातों में भी गहलोत ने अपनी पुरानी बात दोहराई और ऐसा न करने पर अगला चुनाव न जीत पाने की भी आशंका जताई. अब इस सारे माहौल में आखिर कहां खड़े हैं सचिन पायलट (Sachin Pilot) ? सचमुच इस बारे में अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है. अलबत्ता पायलट कैंप उनकी उम्मीदवारी को लेकर बेहद आत्मविश्वास में है. अब संभवतः अक्टूबर-नवंबर में गहलोत के संभावित इस्तीफे के बाद ही इस बारे में आलाकमान कोई अंतिम फैसला लेगा.
राजस्थान को लेकर आलाकमान एक बार फिर से CONFUSED:
उधर गहलोत कैंप का यह प्रयास है कि फरवरी में बजट पेश करने तक गहलोत ही मुख्यमंत्री रहें और इन 4-5 महीनों के दौरान डॉ.सीपी जोशी SHADOW मुख्यमंत्री की तरह काम करें. लेकिन सीपी के TEMPERAMENT को देखते हुए क्या वह सचमुच कर पाएंगे ऐसा ? शायद आज केरल में राहुल से गहलोत की मुलाकात के बाद तस्वीर कुछ साफ हो. इसी बीच आज सुबह केरल में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान आलाकमान से जुड़े एक सूत्र ने खुलासा करते हुए कहा कि जहां तक गहलोत की बात है, जब वे अध्यक्ष पद का चुनाव लड़कर जीत जाएंगे तब ये प्रश्न हमारे सामने होगा कि क्या वे दो पद पर एक साथ रह सकते हैं ? तभी इस सवाल का जवाब देंगे. कुल मिलाकर राजस्थान को लेकर आलाकमान एक बार फिर से CONFUSED है. इसलिए अब हर किसी को 19 अक्टूबर के बाद के घटनाक्रम का इंतजार करना होगा.