Congress President Election Result: मतगणना शुरू, 24 साल बाद पार्टी नया इतिहास लिखने की ओर

Congress President Election Result: मतगणना शुरू, 24 साल बाद पार्टी नया इतिहास लिखने की ओर

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए बुधवार को मतगणना आरंभ हो गई. करीब 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर का कोई नेता देश की सबसे पुरानी पार्टी का अध्यक्ष चुना जाएगा.

पार्टी मुख्यालय में मतगणना बुधवार सुबह 10 बजे के बाद आरंभ हुई. इस मौके पर अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर के प्रस्तावक सांसद कार्ति चिदंबरम और कुछ अन्य चुनावी एजेंट मौजूद हैं. दूसरे उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खरगे की तरफ से सांसद सैयद नासिर हुसैन और कुछ अन्य नेता मौजूद हैं.

देश के विभिन्न राज्यों में बने कांग्रेस के सभी मतदान केंद्रों से मतपेटियां मंगलवार शाम तक कांग्रेस मुख्यालय लाई जा चुकी थीं. इन्हें कांग्रेस मुख्यालय के भीतर बने स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया था. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं समेत करीब 9500 डेलीगेट (निर्वाचक मंडल के सदस्यों) ने पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए सोमवार को मतदान किया था.

कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने बताया था कि करीब 96 प्रतिशत मतदान हुआ, हालांकि पूरे आंकड़े आने के बाद इसमें कुछ बदलाव हो सकता है. मल्लिकार्जुन खरगे और शशि थरूर इस चुनाव में उम्मीदवार हैं. गांधी परिवार से करीबी और कई वरिष्ठ नेताओं के समर्थन के चलते खरगे की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है. मतदान से पहले सोनिया गांधी ने यहां संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा था कि मैं इस दिन का लंबे समय से इंतजार कर रही थी.

कांग्रेस पार्टी के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ:
कांग्रेस के करीब 9900 डेलीगेट पार्टी प्रमुख चुनने के लिए मतदान करने के पात्र थे. कांग्रेस मुख्यालय समेत लगभग 68 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ. कांग्रेस पार्टी के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश के मुताबिक, अध्यक्ष पद के लिए अब तक 1939, 1950, 1977, 1997 और 2000 में चुनाव हुए हैं. इस बार पूरे 22 वर्षों के बाद अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है. उन्होंने बताया कि इस चुनाव से 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर का कोई नेता देश की सबसे पुरानी पार्टी का अध्यक्ष चुना जाएगा. इससे पहले सीताराम केसरी गैर-गांधी अध्यक्ष रहे थे.

पार्टी के ‘‘मूल्यों’’ में कोई बदलाव नहीं होगा और केवल लक्ष्य प्राप्ति के तरीकों में परिवर्तन आएगा:
थरूर ने निर्वाचकों से ‘‘बदलाव अपनाने’’ का साहस दिखाने का आह्वान करते हुए रविवार को कहा था कि वह जिन बदलावों के बारे में सोच रहे हैं, उनमें पार्टी के ‘‘मूल्यों’’ में कोई बदलाव नहीं होगा और केवल लक्ष्य प्राप्ति के तरीकों में परिवर्तन आएगा. वहीं, खरगे ने रविवार को कहा था कि अगर वह अध्यक्ष बनते हैं तो उन्हें पार्टी के मामलों में गांधी परिवार की सलाह और सहयोग लेने में कोई झिझक नहीं होगी, क्योंकि उस परिवार ने काफी संघर्ष किया है और पार्टी के विकास में बड़ा योगदान दिया है. सोर्स- भाषा