जयपुर: प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है ! राजस्थान को लेकर कांग्रेस आलाकमान गंभीर नजर आ रहा है ! किसी दूसरे जाट नेता को प्रदेशाध्यक्ष बनाया जा सकता है. गोविंद सिंह डोटासरा को इस घटनाक्रम के बाद पद से हटाने की चर्चा है. जाट नेता के तौर पर रामेश्वर डूडी के नाम की चर्चा है. रामेश्वर डूडी इससे पहले नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं.
आपको बता दें कि सोमवार को ही पूर्व नेता प्रतिपक्ष और दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री रामेश्वर डूडी ने 10 जनपथ पहुंच कर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की है. सोनिया गांधी से रामेश्वर डूडी की मुलाकात को लेकर सियासी गहमागहमी शुरू हो गई है. इस मुलाकात के बाद अटकलों का दौर शुरू हो गया है. दरअसल रामेश्वर डूडी की ऐसे समय में सोनिया गांधी से मुलाक़ात राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन रही है.
कांग्रेस में जाट को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के मायने क्या हैं?
प्रदेश सियासत में जाटों को महत्व दिया जाना कोई तात्कालिक निर्णय नहीं है. इससे पहले भी रामनिवास मिर्धा, नाथूराम मिर्धा, परसराम मदेरणा, दौलतराम सारण एवं शीशराम ओला जैसे नेताओं का पार्टी में दबदबा रहा है. कांग्रेस में जाट समाज को पूरी तवज्जो मिलती रही है. छठी विधानसभा में पहले परसराम मदेरणा एवं फिर रामनारायण चौधरी, दसवीं विधानसभा में परसराम मदेरणा, 12वीं विधानसभा में बी.डी. कल्ला के बाद रामनारायण चौधरी एवं हेमाराम चौधरी और 14वीं विधानसभा में रामेश्वर डूडी पार्टी नेता प्रतिपक्ष रहे.