नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के निदेशक से दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) कपिल वाधवन की सेहत की जांच के लिए डॉक्टरों का एक दल बनाने को कहा..
वाधवन पर करोड़ों रुपये के यस बैंक धोखाधड़ी मामले में काले धन को सफेद में बदलने का आरोप है. न्यायमूर्ति के एम जोसफ और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने वाधवन को तत्काल एम्स ले जाने और विभिन्न विभागों के चिकित्सकों द्वारा उनकी जांच कराने का आदेश दिया. पीठ ने कहा कि चिकित्सा आधार पर जमानत पर विचार के लिए इस अदालत को एक रिपोर्ट भेजी जाए. एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट भेजी जाए. उचित रिपोर्ट के लिए एम्स निदेशक स्वास्थ्य परीक्षण के लिहाज से डॉक्टरों के एक दल का गठन करेंगे.
तत्काल रिहाई का अनुरोध किया है:
शीर्ष अदालत मामले में 10 नवंबर को सुनवाई करेगी. वाधवन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अदालत से कहा कि उन्होंने पांच सर्जरी कराई हैं और चिकित्सा आधार पर तत्काल रिहाई का अनुरोध किया है. रोहतगी ने कहा कि वाधवन को अपनी पसंद से उपचार कराने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि वाधवन के स्वास्थ्य पर लगातार ध्यान दिये जाने की जरूरत है जो जेल में संभव नहीं है.
ईडी ने 14 मई को गिरफ्तार किया:
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एस वी राजू ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जेल में उनकी देखभाल हो सकती है. कपिल वाधवन और उनके भाई धीरज वाधवन को धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत ईडी ने 14 मई को गिरफ्तार किया था. सोर्स-भाषा