नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर से जुड़े 200 करोड़ रुपए के धनशोधन मामले में अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडिस की जमानत याचिका पर शुक्रवार को अपना आदेश 15 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया. अदालत ने फर्नांडिस की गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा भी मंगलवार तक के लिए बढ़ा दी. पूर्व में फर्नांडिस को अंतरिम जमानत देने वाले विशेष न्यायाधीश शैलेंद्र मलिक ने कहा कि आदेश तैयार नहीं हुआ है. अदालत ने बृहस्पतिवार को अभिनेत्री के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश वकीलों की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया.
ईडी ने जिरह के दौरान दलील दी कि फर्नांडिस आसानी से देश से भाग सकती हैं क्योंकि उनके पास पैसे की कमी नहीं है. इस पर अदालत ने सवाल किया था कि अभिनेत्री को अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया. एजेंसी ने अदालत को बताया कि उसने अभिनेत्री के खिलाफ हवाई अड्डों पर लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया है ताकि वह देश छोड़कर नहीं जा सकें. अदालत ने जांच एजेंसी से पूछा था, आपने (ईडी) एलओसी जारी करने के बावजूद जांच के दौरान जैकलीन को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया? अन्य आरोपी जेल में हैं. चुन कर कार्रवाई की नीति क्यों अपनाई जा रही.
फर्नांडीस ने इस आधार पर जमानत का अनुरोध किया है कि उनकी हिरासत की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि जांच पहले ही पूरी हो चुकी है और आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है. अदालत ने 26 सितंबर को फर्नांडिस को 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत दी थी. अदालत ने 31 अगस्त को ईडी द्वारा दायर एक पूरक आरोपपत्र का संज्ञान लिया था और फर्नांडिस को अदालत के सामने पेश होने के लिए कहा था. जांच के सिलसिले में कई बार ईडी द्वारा तलब की जा चुकीं फर्नांडिस को पूरक आरोपपत्र में पहली बार आरोपी बनाया गया है. ईडी के पहले के आरोपपत्र और पूरक आरोपपत्र में फर्नांडिस का आरोपी के तौर पर जिक्र नहीं था. हालांकि, दस्तावेजों में फर्नांडिस और अभिनेत्री नोरा फतेही द्वारा दर्ज कराए गए बयानों के विवरण का उल्लेख किया गया था. (भाषा)