नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) शुक्रवार को दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए पराली जलाने पर नए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग वाली एक जनहित याचिका (PIL) को सुनवाई के लिए 10 नवंबर को सूचीबद्ध करने पर सहमत हो गया.
चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने वकील शशांक शेखर झा के प्रतिवेदन पर संज्ञान लिया. झा ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में एक जनहित याचिका दायर कर कहा कि दिल्ली के निकटवर्ती इलाकों में पराली जलाए जाने के कारण वायु प्रदूषण की स्थिति और खराब हो गई है. वकील ने कहा कि ऐसे हालात में आम लोग भी नहीं चल सकते और पराली जलाए जाने के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का स्तर बढ़ गया है. चीफ जस्टिस ने कहा कि इसे 10 नवंबर को सूचीबद्ध करें.
प्राथमिक स्कूलों को बंद करने की घोषणा:
वहीं दूसरी ओर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए शनिवार से प्राथमिक स्कूलों को बंद करने की घोषणा की. उन्होंने शुक्रवार को प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि बिगड़ती वायु गुणवत्ता और प्रदूषण का स्तर पूरे उत्तर भारत की समस्या है और केंद्र को इसके समाधान के लिए कदम उठाने चाहिए.
यह समय दोषारोपण और राजनीति का नहीं:
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय दोषारोपण और राजनीति का नहीं, बल्कि समस्या का समाधान खोजने का है. केजरीवाल या पंजाब सरकार को दोष देने से कुछ नहीं होगा. शहर में शुक्रवार को भी वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई है. केजरीवाल ने घोषणा की कि शनिवार से शहर में प्राथमिक स्कूल बंद रहेंगे और स्कूलों में पांचवीं से ऊपर की कक्षाओं के छात्रों की खुले में खेल गतिविधियों की भी अनुमति नहीं होगी.
हम वाहनों के लिए सम-विषम योजना लागू करने पर भी विचार कर रहे:
उन्होंने कहा कि हम वाहनों के लिए सम-विषम योजना लागू करने पर भी विचार कर रहे हैं. प्रेसवार्ता के दौरान केजरीवाल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद रहे. केजरीवाल ने स्वीकार किया कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं की जिम्मेदारी उनकी पार्टी की है क्योंकि वहां आम आदमी पार्टी की सरकार है.
पंजाब में हमारी सरकार है इसलिए पराली जलाने की घटनाओं के लिए हम जिम्मेदार:
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि चूंकि, पंजाब में हमारी सरकार है इसलिए पराली जलाने की घटनाओं के लिए हम जिम्मेदार हैं. हमें वहां सरकार बनाए केवल छह महीने हुए हैं और कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिनका समाधान किया जा रहा है. हम हल ढूंढ रहे हैं. समस्या के समाधान के लिए हमें एक साल का समय दें. वहीं, मुख्यमंत्री मान ने कहा कि पंजाब में धान की भारी पैदावार के चलते पराली की मात्रा और बढ़ी है. उन्होंने कहा कि पंजाब के खेतों में पराली को दबाने के लिए 1.20 लाख मशीन तैनात की गई हैं. ग्राम पंचायतों ने पराली नहीं जलाने के संबंध में प्रस्ताव पारित किए हैं.