VIDEO: राजस्थान में बनाई जाएगी आठवीं बिजली कम्पनी, IT क्षेत्र के नवाचार को बिजली कम्पनियों में लागू करने के लिए कवायद, देखिए, ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान में बिजली उपभोक्ताओं को आईटी नवाचारों के जरिए क्वालिटी सप्लाई और बेहतर सेवाएं देने के उद्देश्य से एक और बिजली कम्पनी बनाने की तैयारी है.राजस्थान डिस्कॉम प्रशासन ने नई बिजली कंपनी "आईटीकॉम" के गठन के लिए विस्तृत ड्राफ्ट तैयार किया है, जिसे मंजूरी के लिए ऊर्जा विभाग को भेजा गया है.अधिकारियों की माने तो यह प्रस्ताव वित्तीय मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेजा जाएगा, जहां से अप्रूव्ल मिलने के बाद बिजली उपभोक्ताओं की सेवा के लिए आठवीं बिजली कम्पनी का गठन होगा.आखिर नई बिजली कम्पनी की क्या है जरूरत और उपभोक्ताओं को कैसे इसका फायदा मिलेगा. 

प्रदेश में वर्ष 2000 में घाटे से जूझ रहे बिजली बोर्ड का विघटन करते हुए पांच बिजली कम्पनियों का गठन किया गया था.उद्देश्य ये था कि कम्पनियां बनाने से ऊर्जा सेक्टर में राजनीतिक दखल कम होगा, साथ ही प्रोफेशनल तरीके से काम होने के चलते घाटा भी कम किया जाएगा.इस दौरान तीन डिस्कॉम के अलावा एक प्रसारण तंत्र और एक उत्पादन तंत्र के मैनेजमेंट के लिए कम्पनियां बनाई गई.इसके बाद अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने और फिर पॉवर ट्रेडिंग के लिए भी अलग से बिजली कम्पनी बनाई गई.लेकिन हाल ही में सरकार स्तर पर मंथन के दौरान यह महसूस किया गया कि बिजली कम्पनियों में आईटी के नवाचार को पुख्ता तरीके से लागू नहीं किया जा पा रहा है.इसके पीछे की वजह ये मानी गई कि कम्पनियों में आईटी के प्रोफेशनर्स नहीं है.पॉवर इंजीनियर्स ही ये काम देख रहे है, जिसके चलते काफी कामकाज प्रभावित हो रहा है.वित्त विभाग ने भी आईटी के लिए अलग से विंग या कम्पनी की जरूरत को माना, जिसके चलते प्रदेश में नई बिजली कम्पनी "आईटीकॉम" के लिए कवायद शुरू हुई है.

अभी तक ये कम्पनियां कर रही काम : राजस्थान डिस्कॉम : प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को सप्लाई देने का अहम जिम्मा राजस्थान डिस्कॉम का है.जयपुर डिस्कॉम, अजमेर डिस्कॉम, जोधपुर डिस्कॉम नाम से तीन कम्पनियों के जरिए राजस्थान डिस्कॉम पूरे प्रदेश में पावर डिस्ट्रीब्यूशन के काम को कवर करती है.  

राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड : राजस्थान में 132 केवी व इससे अधिक क्षमता के प्रसारण तंत्र के संचालन व डवलमेंट का जिम्मा राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के पास है.यह कम्पनी उत्पादकों से बिजली की सप्लाई डिस्कॉम के सिस्टम तक करती है.

राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड :  राजस्थान में सरकारी क्षेत्र के पावर प्लांट्स के मैनेजमेंट के लिए यह कम्पनी बनाई गई थी.यह कम्पनी डिस्कॉम की जरूरत के हिसाब से बिजली का उत्पादन करके आपूर्ति करती है.साथ ही प्रदेश के बढ़ती बिजली की जरूरत का आंकलन करते हुए नए पॉवर प्लांट की प्लानिंग और उसे स्थापित करने का जिम्मा भी देखती है.

राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड : राजस्थान में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य ये राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड का गठन किया गया था.सोलर, विण्ड और बायोमास क्षेत्र में निवेशकों को प्रोत्साहित करके अधिकाधिक बिजली प्लांट लगाने की दिशा में कम्पनी काम कर रही है.सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि सौर ऊर्जा में राजस्थान देशभर में अग्रणीय है.

राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड : राजस्थान डिस्कॉम की जरूरत के हिसाब से पॉवर का मैनेजमेंट करने के लिए पिछली सरकार के कार्यकाल में राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड का गठन किया गया था.यह कम्पनी डिस्कॉम की रोजमर्रा की पॉवर डिमाण्ड को पूरा करने के लिए एक्सचेंज, दूसरे राज्य या फिर अन्य स्त्रोतों से बिजली की खरीद-फरोख्त का डेडिकेटेड काम करती है.

बतौर नोडल एजेंसी जयपुर डिस्कॉम की आईटी विंग ने नई बिजली कम्पनी के लिए विस्तृत मसौदा तैयार किया है.अधिकारियों की माने तो इस कम्पनी में एक स्वतंत्र निदेशक को आईटी नवाचारों की जिम्मेदारी दी जाएगी.यह कम्पनी का मौजूदा सभी बिजली कम्पनियों में आईटी से जुड़े प्रोजेक्ट्स में हस्तक्षेप होगा.साथ ही आगामी दिनों में सभी कम्पनियों के लिए आईटी से जुड़े सभी तरह के काम यह कम्पनी ही करेगी.इसके लिए कम्पनी में आईटी प्रोफेशनर्स की भर्तियां भी होगी.

ठण्डे बस्ते में एग्रीकॉम, अब नई बिजली कम्पनी आईटीकॉम पर फोकस:
-प्रदेश में नई बिजली कम्पनी के गठन के लिए तैयार ड्राफ्ट से जुड़ी खबर
-दरअसल, सीएम गहलोत ने बजट में की थी अलग से कृषि कम्पनी बनाने की घोषणा
-इस दिशा में भी डिस्कॉम प्रशासन ने नई बिजली कंपनी का तैयार किया था ड्राफ्ट
-लेकिन तकनीकी दिक्कतों से चलते अभी तक "एग्रीकॉम" का प्रस्ताव ठण्डे बस्ते में
-इस बीच, आईटी के नवाचारों को लेकर नई कम्पनी बनाने की दिशा में काम शुरू
-ऊर्जा विभाग को भेजा गया है नई आईटी पॉवर कंपनी बनाने के लिए विस्तृत ड्राफ्ट
-उच्च स्तर पर चर्चा के बाद इस कम्पनी के भविष्य पर लगेगी अंतिम मुहर

किसी भी सेक्टर में आईटी के जुड़ने से सिस्टम में सुधार तय है. फिर चाहे रेलवे की रिजर्वेशन व्यवस्था हो या टेलीकॉम सेक्टर, हर जगह आईटी के नवाचार से न सिर्फ सेवाओं में काफी सुधार है, बल्कि भष्टाचार पर भी अंकुश लगा है.ऐसे में उम्मीद ये है कि ऊर्जा क्षेत्र में आईटी के नवाचारों को जोड़ने के लिए अलग से बिजली कम्पनी बनाने की सोच काफी बड़ा बदलाव लाएगी. स्मार्ट मीटरिंग, बिलिंग, पॉवर सेक्टर रिफार्म्स की दिशा में बेहतर काम होंगे, ताकि उपभोक्ताओं को इसका सीधा फायदा मिल सके.