नई दिल्ली: दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के मदनपुर खादर इलाके में एक कार के शीशे को कथित रूप से तोड़े जाने के बाद हुए झगड़े के मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि बुधवार को हुई इस घटना से रोहिंग्या समुदाय के किसी भी सदस्य का कोई ताल्लुक नहीं है. मदनपुर खादर इलाके में रोहिंग्या शरणार्थियों के एक समूह ने बुधवार को आरोप लगाया था कि उनके तम्बुओं के पास स्थित एक गैराज में काम करने वाले कुछ लोगों ने उन्हें अपशब्द कहे और उन्हें पीटा.
घटना का रोहिंग्या समुदाय से कोई संबंध नहीं:
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि झगड़े में शामिल दोनों पक्ष एक ही समुदाय के हैं. अधिकारी ने कहा कि गैराज मालिक की कार के शीशे कथित रूप से तोड़े जाने के बाद उसका एक महिला के साथ झगड़ा हुआ. इस बाबत एक मामला दर्ज करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. दोनों पक्ष एक ही समुदाय से जुड़े हुए हैं और इस घटना का रोहिंग्या समुदाय से कोई संबंध नहीं है.
चार महिलाओं और एक बच्चे को पीटा:
‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए रोहिंग्या शरणार्थी हसीना बेगम ने दावा किया कि कुछ व्यक्तियों ने उन पर हमला किया और शरणार्थी शिविर की कम से कम चार महिलाओं और एक बच्चे को पीटा. आठ महीने की गर्भवती महिला ने आरोप लगाया कि व्यक्तियों को इस बात से दिक्कत है कि शरणार्थियों के बच्चे सड़क पर खेलते हैं. महिला का दावा था कि हमले में एक महिला को गंभीर चोटें आई हैं. गृह मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक, देशभर में तकरीबन 40 हजार रोहिंग्या प्रवासी रहते हैं. सोर्स-भाषा