जयपुर: सर्दियों में कोहरे की अधिकता के चलते अब ट्रेनों का संचालन लेट नहीं होगा. उत्तर पश्चिम रेलवे प्रशासन ने ट्रेनों के संचालन को कोहरे में सुचारू बनाए रखने के लिए कई इंतजाम किए हैं. एक तरफ स्टेशनों पर उपकरण लगाए गए हैं तो ट्रेनों में लोको पायलटों को भी डिवाइस दी गई हैं. क्या होने जा रहे हैं बदलाव और कैसे इससे ट्रेनें रहेंगी कोहरे से अप्रभावित,
उत्तर-पश्चिम रेलवे के जयपुर और बीकानेर मण्डल के रेलखंड कोहरे की अधिकता से प्रभावित रहते हैं. दिल्ली और आगरा रूट पर कोहरे के चलते ट्रेनों का संचालन प्रभावित होता है. कोहरे की अधिकता वाले रेलखंडों में ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए रेलवे ने विशेष इंतजाम किए हैं. रेलवे के इंजीनियरिंग, सिग्नल एवं दूरसंचार, विद्युत, यांत्रिक, परिचालन और संरक्षा विभाग सभी एक साथ सुरक्षित रेल संचालन के लिए जुट गए हैं. सुरक्षित रेल संचालन के लिए पिछले दिनों रेलवे महाप्रबंधक विजय शर्मा ने सभी विभागाध्यक्षों को सतर्कता बरतने को कहा था. दिशा निर्देशों के मुताबिक उत्तर पश्चिम रेलवे पर कोहरे की अधिकता वाले रेलखंडों को चिन्हित कर लिया गया है. सभी कोहरे से प्रभावित स्टेशनों पर विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट उपलब्ध कराए गए हैं. विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट के उपयोग से स्टेशन पर दृश्यता को जांचा जाता है. इसके साथ ही घने कोहरे वाले रूट पर ट्रेनों के सभी लोको पायलटों को फॉग सेफ्टी डिवाइस भी दी जा रही हैं. उत्तर पश्चिम रेलवे में कुल 877 फॉग सेफ्टी डिवाइस उपलब्ध हैं. इन सभी में धुन्ध/कोहरे वाले रेलखंड की जीपीएस मैपिंग कर दी गई है. जयपुर और बीकानेर मण्डल में धुन्ध एवं कोहरे की अधिकता रहती है. इस कारण इन दोनों मंडलों पर अधिक फॉग सेफ्टी डिवाइस उपयोग में ली जाती हैं.
कोहरे से लड़ने के दोहरे इंतजाम
- रेलवे स्टेशनों पर विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट लगाए
- इससे स्टेशनों पर दृश्यता की जानकारी मिलती है
- ट्रेनों में इंजन पर फॉग सेफ्टी डिवाइस लगाए जा रहे
- डिवाइस ऑन होने के बाद जीपीएस प्रणाली द्वारा सभी लोको पायलटों को मिलती सूचना
- उस खण्ड में स्थित सभी सिग्नलों की दूरी के बारे में मिलती है सूचना
- जिससे लोको पायलट अपनी गाड़ी की स्पीड को कर सकता है नियंत्रित
- साथ ही कोहरे के बावजूद सुरक्षित ट्रेन संचालन करना है संभव
- हालांकि इस सबके बावजूद भी रेलवे की यात्रियों से रहेगी अपील
- कोहरे के मौसम में ऑनलाइन NTES पर देख लें ट्रेन की स्थिति
- इसके बाद ही यात्रा के लिए पहुंचें रेलवे स्टेशन
कोहरे से प्रभावित क्षेत्रों में रेलवे के सभी कर्मचारियों के लिए सेफ्टी सेमिनार भी आयोजित की जा रही हैं. कम तापमान के दौरान वेल्डिंग फेलियर की पहचान कर उनको रिपेयर किया जा रहा है. साथ ही फिश प्लेटों का अनुरक्षण, ट्रेक रिन्यूअल जैसे कार्य भी पूरे किए जा रहे हैं. कोहरे वाले हिस्सों में स्टेशनों, समपार फाटकों एवं पूर्व चिन्हित जगहों पर डेटोनेटर यानी पटाखे भी भेजे जा रहे हैं. लोको पायलट को सिग्नल एवं अन्य संकेतक अच्छे तरीके से दिखें, इसके लिए इन पर नए सिरे से पेंटिंग एवं चमकीले साइन बोर्ड लगाए जा रहे हैं. संकेतकों के पास गिट्टियों को चूने से रंगा गया है. इसके अलावा रेलवे ट्रैक पर पेट्रोलिंग भी बढ़ाई जा रही है. हालांकि रेलवे प्रशासन प्रयास कर रहा है कि कोहरे में भी ट्रेनें समय पर चल सकें, हालांकि इसके बावजूद भी रेलवे ने यात्रियों से ट्रेनों की ऑनलाइन रनिंग देखकर ही स्टेशन पहुंचने की सलाह दी है, जिससे कि वे लम्बी प्रतीक्षा से बच सकें.