बलिया: बलिया जिले की एक अदालत ने नौ वर्ष पहले हुई एक किशोरी की हत्या के मामले में एक युवक समेत चार लोगों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी है, साथ ही 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. एक अभियोजन अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी.
अभियोजन विभाग के संयुक्त निदेशक सुरेश पाठक ने रविवार को बताया कि अपर जिला न्यायाधीश प्रशांत बिलगैयो की अदालत ने शनिवार को दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपी उपेंद्र पाल, उसकी मां कौशल्या देवी, केदारनाथ व तेजनाथ को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व 25 - 25 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.
आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई:
घटना के बारे में उन्होंने बताया कि जिले के चितबड़ागांव थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली कक्षा आठ की छात्रा (13) की 11 मई 2013 को दोपहर में जलाकर हत्या कर दी गयी. इस मामले में किशोरी की मां की तहरीर पर गांव के ही रहने वाले उपेंद्र पाल, उसकी मां कौशल्या देवी तथा उसके दो परिजन केदारनाथ व तेजनाथ के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की सुसंगत धारा में नामजद मुकदमा दर्ज किया गया.
उन्होंने बताया कि पुलिस ने विवेचना के उपरांत चारों आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया. उन्होंने बताया कि शनिवार को अदालत ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई. सोर्स-भाषा