बाली (इंडोनेशिया): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वार्षिक जी20 शिखर सम्मेलन के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि आज विश्व को जी-20 से अधिक अपेक्षाएं हैं और समूह की प्रासंगिकता बढ़ गई है.
प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 वैश्विक महामारी और यूक्रेन संकट का जिक्र करते हुए वैश्विक स्तर पर चुनौतीपूर्ण वातावरण के बीच संयुक्त राष्ट्र की भूमिका के बारे में कहा कि उसके जैसी ‘‘बहुपक्षीय संस्थाएं वैश्विक चुनौतियों से निपटने में असफल रही हैं.’’
मोदी ने कहा कि हमें यह स्वीकार करने में संकोच नहीं करना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय संस्थान वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में असफल रहे हैं. मोदी ने कहा कि मैंने बार-बार कहा है कि हमें यूक्रेन में युद्ध-विराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का तरीका तलाशना होगा. उन्होंने कहा कि विश्व में शांति, सद्भाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस और सामूहिक कदम उठाना समय की मांग है.
वैश्विक आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई:
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई है, पूरी दुनिया में आवश्यक वस्तुओं का संकट है. कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद एक नयी विश्व व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी हमारे कंधों पर है. उन्होंने कहा कि हर देश के गरीब नागरिकों के लिए चुनौतियां अधिक हैं. उनके लिए रोजमर्रा की जिंदगी पहले से ही एक संघर्ष थी. मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि जब अगले साल बुद्ध और गांधी की धरती पर जी-20 की बैठक होगी, तो हम सभी एकसाथ विश्व को शांति का कड़ा संदेश देंगे.’’ सोर्स- भाषा