जयपुर: गजेन्द्र सिंह शेखावत FIR प्रकरण (Gajendra Singh Shekhawat FIR Case) में दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) से सीएम ओएसडी लोकेश शर्मा (CM OSD Lokesh Sharma) को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट के अगले आदेश तक लोकेश शर्मा पर कोई कार्रवाई नहीं होगी. हाईकोर्ट ने लोकेश शर्मा की याचिका पर नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही राजस्थान और दिल्ली पुलिस को दो सप्ताह में स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही हाईकोर्ट ने गजेंद्र सिंह शेखावत को जवाब देने के लिए कहा है.
मामले की सुनवाई के दौरान शर्मा के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि इस मामले की जांच जब राजस्थान में चल रही है तो दिल्ली में FIR दर्ज क्यों? दिल्ली पुलिस इस मामले की जांच नहीं कर सकती, शर्मा के पास क्लिप आती है और वो मीडिया हाउस में क्लिप देते है, ये वो वास्तविक सोर्स नहीं है. वहीं राजस्थान सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि राजस्थान में एक BJP नेता द्वारा शिकायत दाखिल की गई थी, जिस पर जांच चल रही है.
जब सब कुछ अगर राजस्थान में चल रहा है तो केवल एक FIR की जांच दिल्ली में क्यों हो?
वहीं कोर्ट ने कहा कि लोकेश शर्मा के पास जब क्लिप आती है उस समय वो राजस्थान में होते है, वहां से क्लिप भेजते हैं. इसका मतलब ये है कि ज्यूरिडिक्शन राजस्थान का बनता है? इस पर गजेंद्र सिंह शेखावत के वकील महेश जेठमलानी ने हाईकोर्ट में कहा कि ऐसा नहीं है, दिल्ली में भी ज्यूरिडिक्शन बनता है. इस पर कोर्ट ने जेठमलानी से पूछा- क्यों न FIR को राजस्थान ट्रांसफर किया जाए? जब सब कुछ अगर राजस्थान में चल रहा है तो केवल एक FIR की जांच दिल्ली में क्यों हो? इस पर जेठमलानी ने कहा- नहीं बिल्कुल नहीं, इस मामले में जांच चल रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच राजस्थान में नहीं होनी चाहिए. वहीं लोकेश शर्मा ने अपने खिलाफ दर्ज FIR को खारिज करने की मांग रखी. अब इस मामले पर अगल सुनवाई 6 अगस्त को होगी. बता दें कि फोन टेपिंग प्रकरण में गजेन्द्र सिंह शेखावत ने FIR दर्ज करवाई थी.