जयपुर: नवंबर के महीने में 5 ग्रहों का राशि परिवर्तन हो रहा है जबकि गुरु की चाल बदल रही है. इस महीने में चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है. ऐसे में नवंबर का महीना ज्योतिषीय दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है. इस में में 8 तारीख को कार्तिक पूर्णिमा के दिन साल का आखिरी चंद्र ग्रहण मेष राशि में लगेगा.
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि ग्रहों के परिवर्तन की बात करें तो 11 नवंबर को शुक्र वृश्चिक राशि में संचार करेंगे. इसके बाद 13 नवंबर को मंगल वक्री अवस्था में मिथुन से वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे. इसी दिन यानी 13 नवंबर को बुध भी राशि परिवर्तन करेंगे और वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे. इसके बाद 16 नवंबर को सूर्य का गोचर वृश्चिक राशि में होगा. जिससे वृश्चिक राशि में बुधादित्य और लक्ष्म नारायण योग भी बनेगा. इसके बाद महीने के अंत में 24 नवंबर को बृहस्पति ग्रह अपनी स्वराशि मीन में चाल बदलकर मार्गी हो जाएंगे.
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि नवंबर का महीना ज्योतिष की दृष्टि से बहुत ही खास रहने वाला है. इस महीने जहां नवग्रहों में देव गुरु का दर्जा प्राप्त बृहस्पति ग्रह सीधी चाल चलने लगेंगे. वहीं कई ग्रह भी अपनी चाल बदलेंगे. जिसका प्रभाव सभी राशि के लोगों पर पड़ेगा. देव गुरु बृहस्पति इस समय अपनी मीन राशि में उल्टी चाल चल रहे हैं और 24 नवंबर को जब वह मार्गी हो जाएंगे यानी सीधी चाल चलने लगेंगे तो उनके शुभ फलों में बढ़ोतरी होगी. मार्गी होकर गुरु अखंड साम्राज्य योग बनाएंगे. जिसे ज्योतिष में बहुत ही शुभ माना जाता है. नवंबर महीने में जहां देव गुरु बृहस्पति सीधी चल चलेंगे. वहीं शुक्र ग्रह, मंगल ग्रह, बुध ग्रह और सूर्य ग्रह भी अपना राशि परिवर्तन करेंगे. यदि 5 ग्रहों का महा बदलाव नवंबर महीने में बड़ी ज्योतिषीय हलचल मचाएगा.
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि नवंबर महीने में ग्रहों के बदलाव की शुरुआत 11 नवंबर से हो जाएगी. 11 नवंबर को शुक्र देव वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे. वहीं 13 नवंबर को मंगल देव वृषभ राशि में और बुध ग्रह वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे. 16 नवंबर को सूर्य देव भी अपनी नीच तुला राशि में से निकलकर मंगल की वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे. 24 नवंबर को गुरु मीन राशि में मार्गी होंगे. इसका प्रभाव सभी राशि के जातकों पर पड़ेगा. वहीं ज्योतिष के अनुसार इस दौरान कई राशि के लोगों को आर्थिक बढ़ोतरी, करियर में सफलता और धन लाभ भी हो सकता है. इसके अलावा इसी माह साल का आखिरी चंद्रग्रहण भी लगेगा. इसके पहले बीते 25 अक्तूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भी लग चुका है. 15 दिनों के अंतराल पर 08 नवंबर को लगने वाला यह दूसरा ग्रहण होगा.
शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर:
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि नवंबर महीने में सबसे पहले प्रेम, ऐशोआराम, सुख-सुविधा और सौंदर्य का कारक ग्रह शुक्र स्वयं की राशि तुला से निकलकर वृश्चिक राशि में 11 नवंबर को शाम 07:52 मिनट पर प्रवेश करेंगे. जिन लोगों की कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है उनके जीवन में हमेशा सुख-सुविधा और ऐशोआराम मिलता है. वहीं अगर कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर होता है तो व्यक्ति का जीवन अभावों से गुजरता है. कुंडली में शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए शुक्रवार के दिन व्रत रखें और दही, चांदी और चावल आदि का दान करने का महत्व होता है.
वक्री मंगल का गोचर:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि13 नवंबर को दोपहर 01:32 मिनट पर वक्री मंगल वृषभ राशि में गोचर करेंगे. मंगल ग्रह ऊर्जा के कारक माने जाते हैं. कुंडली में मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए भगवान हनुमान की पूजा करनी चाहिए. इसके अलावा मंगल ग्रह से संबंधित चीजों का दान करना चाहिए.
बुध का गोचर:
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि ज्ञान, वाणी, व्यापार और बुद्धि के कारक ग्रह माने जाने वाले बुध 13 नवंबर को ही वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे. ज्योतिष में बुध और मंगल ग्रह का महत्वपूर्ण स्थान होता है. कन्या और मिथुन राशि के स्वामी ग्रह 13 नवंबर की रात को वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे. जिन जातकों की कुंडली में बुध मजबूत होते हैं उन्हें व्यापार और वाणी में महारत हासिल होती है. ऐसे लोग बहुत ही होशियार स्वभाव के होते हैं. कुंडली में बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए इस दिन हरे रंग के कपड़े पहने और भगवान गणेश की उपासना करें.
सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिष के अनुसार सूर्य हर एक महीने में अपनी राशि बदलते हैं. बुध के साथ सूर्य भी 16 नवंबर को वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे. कुंडली में सूर्य के मजबूत होने पर जातकों को राज सत्ता का सुख प्राप्त होता है. कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए प्रतिदिन सूर्यदेव को जल अर्पित करना चाहिए.
गुरू होंगे मीन राशि में मार्गी:
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिषशास्त्र में गुरु का विशेष स्थान होता है. गुरु सबसे ज्यादा शुभ फल देने वाले ग्रह माने जाते हैं. बृहस्पति ग्रह 24 नवंबर को गुरुवार के ही दिन अपनी स्वयं की राशि मीन में मार्गी हो जाएंगे. मार्गी यानी सीधी चाल से चलने लगेंगे. कुंडली में गुरु के मजबूत होने पर व्यक्ति का वैवाहिक जीवन बहुत ही अच्छे ढ़ग से बीतता है. कुंडली में गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए गुरुवार के दिन व्रत रखें और पीली वस्तुओं का दान करना शुभ रहता है.
राशियों को होगा फायदा:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि नवंबर में वृषभ, मिथुन, सिंह, तुला, मकर और कुंभ राशि के लोगों को सबसे ज्यादा शुभ फल की प्राप्ति होगी. कार्यों में अच्छी सफलताएं प्राप्त होंगी. व्यापार में मुनाफा और नौकरी में वेतन वृद्धि होने की अच्छी संभावना है. व्यापार में अच्छा मुनाफा मिलेगा.
करें पूजा-पाठ और दान:
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि ग्रहों के अशुभ असर से बचने के लिए हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए. हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें. भगवान शिव और माता दुर्गा की आराधना करनी चाहिए. महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए.