VIDEO: ये कैसे कुलपति, जिनकी डिग्री पर उठ रहे सवाल ? देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान में उच्च शिक्षा को लेकर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं.उदयपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति अमेरिका सिंह गुरुकुल विश्वविद्यालय की फर्जी रिपोर्ट मामले में पुलिस से फरार चल रहे हैं, तो जयपुर के विधि विश्वविद्यालय के कुलपति देव स्वरूप अपनी डिग्री को लेकर जांच के घेरे में हैं.इससे कुलपतियों के चयन को लेकर अपनाई जाने वाली राज्य सरकार और राजभवन की चयन प्रक्रिया पर भी सवाल उठ खड़े हुए हैं.

क्या है पूरा फर्जीवाड़ा:
इन दिनों राजस्थान की उच्च शिक्षा में एक न एक कुलपति के विवादों में रहने का प्रचलन सा हो गया है.शिक्षा के मंदिर के प्रमुख गुरू यानी कुलपति ही अब फर्जीवाड़े में लिप्त हो रहे हैं.एसीबी ने अजमेर और कोटा के दो विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को रिश्वत लेते हुए दबोच लिया था.इसके बाद उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्याल के कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह सीकर के एक निजी विश्वविद्यालय गुरुकुल यूनिवर्सिटी की फर्जी रिपोर्ट बनाने के चलते पुलिस गिरफ्तारी से बचने को फरार चल रहे हैं.ताजा मामला जयपुर के डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. देव स्वरूप से जुड़ा हुआ है.

डॉ. देव स्वरूप की एलएलबी डिग्री को लेकर सवाल उठ रहे हैं.दरअसल डॉ. देव स्वरूप पूर्व में जब राजस्थान यूनवर्सिटी के कुलपति थे तो उन्होंने अपने आवेदन में खुद के पास एलएलबी डिग्री होना दर्शाया था.लेकिन जब डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्याल के कुलपति पद के लिए आवेदन किया तो उसमें अपनी एलएलबी डिग्री छुपाई थी.इसे लेकर राजभवन ने एक जांच कमेटी गठित की है.7 जुलाई को गठित जांच कमेटी ने जब जांच शुरू की तो विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. देव स्वरूप ने अपनी डिग्रियों की जानकारी देने से ही मना कर दिया है।

एक कुलपति की डिग्री पर सवाल ?:
- राजभवन को डॉ. देव स्वरूप की एलएलबी डिग्री को लेकर मिली शिकायत
- 7 जुलाई 2022 को राजभवन ने जांच के लिए गठित की 3 सदस्यीय कमेटी
- वर्धमान महावीर ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. कैलाश सोढाणी की अध्यक्षता में कमेटी
- साथ ही पूर्व VC प्रो. पीसी त्रिवेदी और बॉम सदस्य डॉ. संतोष शील को बनाया सदस्य
- कमेटी को 15 दिन में देनी थी रिपोर्ट, लेकिन जांच पूरी नहीं हो सकी
- राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार ने 16 नवंबर को कमेटी को रिमाइंडर भेजा
- लिखा, जल्द से जल्द जांच कर राजभवन को भेजें रिपोर्ट
- कमेटी अध्यक्ष डॉ. कैलाश सोढाणी ने 29 नवंबर को डॉ. देव स्वरूप से मांगी जानकारी
- यूजीसी में सेवा काल और उनकी एलएलबी व अन्य डिग्रियों की 4 दिन में मांगी जानकारी
- 1 दिसंबर को डॉ. देव स्वरूप ने कहा, पुरानी है डिग्री, ढूंढने में लगेगा समय
- डिग्री ढूंढने के लिए उन्हें दिया जाए 2 माह का समय
- इस पर 2 दिसंबर को कमेटी ने फिर लिखा, 2 माह का समय नहीं दे सकते
- आप 10 दिसंबर तक उपलब्ध कराएं अपनी डिग्रियों की जानकारी
- 9 दिसंबर को फिर डॉ. देव स्वरूप ने कहा, मुझे 2 माह का समय दिया जाए

राजभवन द्वारा गठित जांच कमेटी ने कुलपति डॉ. देव स्वरूप को दो बार पत्र लिखे हैं, लेकिन दोनों ही बार देव स्वरूप ने जांच कमेटी को दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए हैं.दोनों ही बार कुलपति ने अपने दस्तावेज ढूंढ़ने के लिए 2 माह का समय मांगा है.रोचक बात यह है कि फरवरी 2023 में डॉ. देव स्वरूप का बतौर कुलपति पद पर कार्यकाल समाप्त हो जाएगा.यानी 2 माह बाद यदि कुलपति देव स्वरूप जवाब भी देंगे तो कमेटी की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद राजभवन उन पर कोई कार्यवाही नहीं कर सकेगा.ऐसे में जांच से बचने के लिए देव स्वरूप जवाब ही नहीं दे रहे हैं.

इसलिए उठ रहे हैं डिग्री पर सवाल ?:
- शिकायत थी कि डॉ. देव स्वरूप की LLB डिग्री है अमान्य
- एक ही समय में डॉ. देव स्वरूप द्वारा एलएलबी और पीएचडी करने की शिकायत
- राजभवन को शिकायत की गई कि एलएलबी डिग्री की जांच कराई जाए
- RU के VC के बायो डाटा में डॉ. देव स्वरूप ने दर्शाई थी खुद के पास LLB डिग्री
- लेकिन विधि विश्वविद्यालय के बायो डाटा में नहीं दिखाई LLB डिग्री
- दूसरी बार के VC के आवेदन में डिग्री छुपाई तो लोगों ने उठाए सवाल 
- अब कमेटी द्वारा दस्तावेज मांगने पर कह रहे, डिग्री ढूंढने को चाहिए समय
- फर्स्ट इंडिया न्यूज ने VC डॉ. देव स्वरूप से जब जानना चाहा उनका पक्ष
- तो देव स्वरूप बोले, मैंने कमेटी से मांगा है समय, समय पर कमेटी को जवाब दूंगा