वाशिंगटन: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि भारत विभिन्न देशों से ‘रुपे’ को उनके यहां स्वीकार्य बनाने के लिए बात कर रहा है.
सीतारमण ने यहां ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट में कहा कि इसके अलावा यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस), भीम ऐप और एनसीपीआई (National Payments Corporation of India) पर इस तरह से काम किया जा रहा है ताकि उनके देशों में उनकी जो प्रणालियां हैं वे हमारी प्रणालियों के साथ मिलकर काम कर सकें और इनके मिलकर काम करने से उन देशों में भारतीय विशेषज्ञता को बल मिलेगा.
हम कई देशों के साथ मिलकर काम कर रहे:
अमेरिका में यूपीआई शुरू करने संबंधी एक छात्र के सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि हम कई देशों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. छात्र ने कहा था कि उसे भारत की यूपीआई प्रणाली पर गर्व है और पूछा था कि इसे दुनिया के साथ साझा करने की योजनाएं क्या हैं. सीतारमण ने कहा कि हमारी कई देशों से बातचीत चल रही है. सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात ‘रुपे’ को अपने देश में स्वीकार्य बनाने के लिए आगे आ चुके हैं. सोर्स- भाषा