जयपुर: सीएस उषा शर्मा (CS Usha Sharma) ने कहा कि ग्रामीण ओलंपिक में प्रतिभागियों के उत्साह और संख्या को देखकर सुखद अनुभूति हो रही है और इसके मद्देनजर अब शहरों में भी ओलंपिक का आयोजन होगा. एसएमएस स्टेडियम में जिलास्तरीय प्रतियोगिताओं का आगाज करते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर प्रतिभाएं तराशने का काम बड़े स्तर पर किया गया. जिसका परिणाम यह होगा कि इनमें से कई नौनिहाल आगे चलकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना दमखम दिखाएंगे.
एसएमएस स्टेडियम में सीएस उषा शर्मा के दीप प्रज्ज्वलन के साथ विधिवत तरीके से जिलास्तरीय ग्रामीण ओलंपिक खेल प्रतियोगिताओं (Rajiv Gandhi Rural Olympic Games) का आगाज हुआ. इस मौके पर सीएस उषा शर्मा ने कहा कि उन्हें इन प्रतियोगिताओं में बच्चियों की संख्या देखकर काफी खुशी हुई. सीएस ने कहा कि ग्रामीण ओलंपिक में पुरुषों के साथ महिलाओं ने भी बढ़-चढकर हिस्सा लिया. पूर्व में ब्लॉक और पंचायत स्तर के बाद जिलास्तर में भी यही बात देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि इन प्रतियोगिताओं को देखकर ऐसा लगा कि जैसे जनसैलाब उमड़ रहा हो.
ऐसे में यह उम्मीद है कि अगली बार इस ओलंपिक में तीन से चार गुना प्रतिभागी इसमें शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि पहली बार में ही इस आयोजन में 30 लाख से ज्यादा प्रतिभागियों का शामिल होना सुखद अनुभूति कराती है. उन्होंने कुछ बच्चों के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खेलने की उम्मीद करते हुए कहा कि इस जोश को देखते हुए अब शहरों में भी ओलंपिक प्रतियोगिताएं होंगी. खेल सचिव नरेश ठकराल ने कहा कि यह ओलंपिक ग्रामीण स्तर की खेल प्रतिभाओं को सामने लाने में अहम मंच साबित हुआ है. कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि ओलंपिक के लिए खाने, ठहरने, प्रमाण पत्र देने और अन्य तमाम व्यवस्थाएं बेहतर ढंग से की गई है.
चेयरपर्सन कृष्णा पूनिया चूरू में सक्रिय:
राज्य क्रीड़ा परिषद उपाध्यक्ष सतवीर चौधरी ने जनप्रतिनिधियों के न आने की वजह उनका क्षेत्र में सक्रिय होना बताया. उन्होंने कहा कि परिषद चेयरपर्सन कृष्णा पूनिया भी चूरू में सक्रिय है. इस मौके पर राजस्थानी भाषा में सांस्कृतिक गीत की प्रस्तुति हुई. जिसमें योगदान देने वाली शिक्षिका अनुपमा भट्ट, कलाकारों, प्राचार्यों और अन्य शिक्षिकाओं की टीम को सीएस उषा शर्मा ने सराहा. कार्यक्रम में जिला प्रभारी मंत्री, खेल मंत्री अशोक चांदना, कृष्णा पूनिया और अन्य जनप्रतिनिधियों की कमी खली.