लुप्तप्राय सूची में शामिल इस पक्षी को जयपुर में पहली बार किया गया रेस्क्यू, उपचार के बाद किया आजाद

लुप्तप्राय सूची में शामिल इस पक्षी को जयपुर में पहली बार किया गया रेस्क्यू, उपचार के बाद किया आजाद

जयपुर: वन विभाग और रक्षा टीम ने आज मालवीय नगर के मॉडल टाउन से एक जटायु यानी भारतीय गिद्ध (Vulture) को रेस्क्यू किया. रक्षा संस्थान के रोहित गंगवाल ने बताया कि रक्षा के लोकेश यादव और यशवंत सिंह मौके पर पहुंचे. उन्होंने एक बड़ा गिद्ध होने की पुष्टि की. गिद्ध ने नेक ड्रॉप कर रखी थी. लेफ्ट विंग हलका ड्रॉपिंग था और जगतपुरा मैन रोड़ पर बाइक पर बैठा हुआ था. 

रक्षा जयपुर के द्वारा वन विभाग को सूचित किया गया चूंकि गिद्ध को वायरल इन्फेक्शन था. गिद्ध को रक्षा जयपुर शेल्टर में शिफ्ट किया गया और डॉ  राकेश मिश्रा, डॉ शुभम पंत और जयपुर चिड़ियाघर से वरिष्ठ वेटरनरी डॉक्टर अशोक तंवर ने गिद्ध को पांच दिन का सपोर्टिव एवम लिक्विड थेरेपी दी गई. जिससे उनका पैरासिटिक लोड कम हो. इन्फेक्शन दूर हो जाए और पक्षी रिहाइड्रेट हो जाए. 

रक्षा के रोहित गंगवाल जी ने बताया कि बचाव करके लाया गया गिद्ध भारतीय गिद्ध (जिप्स इंडिकस) का 3.8 किलो का किशोर है. करीब 8 से 9 दिन बाद उसने दोबारा छोटी-छोटी उड़ान भरना चालू किया और नेक ड्रॉप भी नहीं कर रहा था. गिद्ध को 3 बार छोड़ने के प्रयास किए गए जिसमें से दो बार के प्रयास असफल रहे. इसके बाद गिद्ध को दोबारा स्ट्रेंथ गेन करवाई गई. गिद्ध का निरंतर वजन जो की अब 4.8 किलो था और एक्टिविटी में भी सुधार होता रहा. 

झालाना में गिद्ध को छोड़ने का प्रयास:

करीब 60 दिन बाद रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर जनेश्वर चौधरी, सहायक वनपाल किशन मीना और रक्षा के अभिषक बैरवा, यशवंत सिंह सिसोदिया, भूपेंद्र परेता द्वारा झालाना में गिद्ध को छोड़ने का तीसरा प्रयास किया गया. तीसरे प्रयास में बॉक्स खोलते ही गिद्ध उड़ गया. परन्तु थोड़े देर उड़ने के बाद फिर से वापस आकर औषधि पर बैठ गया. करीब 4 घंटे तक बैठने के बाद गिद्ध ने दूसरी उड़ान ली और इस बार वह सफलतापूर्वक लंबी उड़ान ले चला था.