जयपुर: राजधानी के सांगानेर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर निजीकरण का 1 साल पूरा होने जा रहा है. वर्ष 2021 में 10 और 11 अक्टूबर की मध्य रात्रि को एयरपोर्ट का संचालन एयरपोर्ट अथॉरिटी ने अडानी समूह को सौंपा था. इस एक साल में जहां अडानी समूह ने यात्री सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर दिया है. वहीं संचालन संभाल रहे अडानी प्रशासन के सामने कुछ चुनौतियां भी बनी हुई हैं. फर्स्ट इंडिया न्यूज की इस खास रिपोर्ट में जानिए कैसा रहा निजीकरण का पहला साल...
जयपुर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निजीकरण का एक साल सोमवार मध्यरात्रि को पूरा हो गया. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 10 अक्टूबर की रात 12 बजे से जयपुर एयरपोर्ट का संचालन व प्रबंधन निजी समूह अडानी इंटरप्राइजेज को सौंप दिया था. एक साल की अवधि के दौरान जयपुर एयरपोर्ट पर यात्री सुविधाओं को लेकर काफी कुछ कार्य किया गया है. जयपुर एयरपोर्ट से जुड़े आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि पिछले एक साल में यात्रियों के लिए खान-पान, मनोरंजन और अन्य यात्री सुविधाओं पर जोर दिया गया है.
खास तौर पर एयरपोर्ट पर शॉपिंग सुविधाओं को बेहतर बनाने पर जोर दिया गया है. यात्री एयरपोर्ट पहुंचने के बाद यदि कुछ खरीदारी करना चाहते हैं तो शहर की प्रमुख और फेमस वस्तुएं उन्हें एयरपोर्ट पर ही मिल सकें, इसके प्रयास किए गए हैं. वहीं एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्थाओं में भी जरूरत के मुताबिक बदलाव किए गए हैं, जिससे यात्रियों को चेक इन और सिक्योरिटी चैक के दौरान अधिक समय नहीं लगे. इंटरनेशनल यात्रियों के प्रस्थान के लिए टर्मिनल-2 पर अलग से इंतजाम किए गए हैं.
क्या बदलाव हुए पिछले एक साल में ?
- एयरपोर्ट पर यात्री क्षमता बढ़ाने के लिए कवायद की जाएगी
- अभी 54 लाख सालाना यात्रीभार, इसे 2.80 करोड़ करने का लक्ष्य
- एयरपोर्ट पर 48 फूड एंड बेवरेज व अन्य रिटेल आउटलेट खोले गए
- वर्ल्ड कुजिन रेस्टोरेंट, कैफे, हाई स्पीड वाई-फाई आदि सुविधाएं दी
- जयपुर शहर की संस्कृति को संजोते हुए आउटलेट खोले जा रहे
- टर्मिनल बिल्डिंग में जयपुर व राज्य की कला-संस्कृति विकसित करने पर फोकस
- ई-बोर्डिंग गेट, पार्किंग व्यवस्था को बेहतर बनाया गया
- इंटरनेशनल यात्रियों के लिए अलग से सिक्योरिटी स्क्रीनिंग व्यवस्था की गई
- टर्मिनल-2 बिल्डिंग के ब्यूटिफिकेशन पर फोकस, आर्टवर्क, पेंटिंग की गई
- सेल्फी जोन, एंटी ग्रेविटी बूथ लगाए, 10 हजार पौधे लगाए गए
- 50 मीटर दृश्यता क्षमता युक्त नया रनवे विजिबिलिटी रेंज उपकरण लगाया गया
- टर्मिनल-2 पर जल्द हेरिटेज विलेज और सुपरमार्केट भी बनाए जाएंगे
एयरपोर्ट प्रशासन कार्बन उत्सर्जन घटाने और रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने पर भी फोकस कर रहा है. एयरपोर्ट प्रशासन ने हाल ही एयरपोर्ट के अंदर चलने वाली अपनी सभी कारों को इलेक्ट्रिक व्हीकल में बदला है. यहां पर इलेक्ट्रिक कारों के लिए चार्जिंग स्टेशन भी डेवलप किया गया है. यात्रियों को टैक्सी सुविधा बढ़ाने के लिए निजी कंपनियों के साथ करार किए जा रहे हैं. अभी तक यात्रियों को ओला या उबर की टैक्सी पकड़ने के लिए एयरपोर्ट के बाहर जाना पड़ रहा था. लेकिन अब एयरपोर्ट के अंदर ही कैब कंपनियों के काउंटर खोले जा रहे हैं.
पिछले एक साल में यह भी बदलाव हुए:-
- एसी और अग्निशामक यंत्रों में कार्बन उत्सर्जन घटाने के प्रयास
- इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन लगाया गया
- हाई मास्ट लाइट को एलईडी लाइटों से बदला गया
- पहले से प्रक्रियाधीन 1.8 मेगावाट सोलर प्लांट का कार्य पूरा हुआ
- पिक अप के लिए उबर समेत निजी कंपनियों की कैब सेवा शुरू
- बेबी केयर रूम सहित कुछ अन्य यात्री सुविधाएं जोड़ी गई
- एयरपोर्ट प्रशासन को 3 अलग-अलग अवार्ड भी प्राप्त हुए