जालोर: जिले में नेशनल हाइवे 68 हादसों का हाइवे बन गया है. बीते साल में 31 युवाओं में अपनी जान गंवाई थी. इस साल में तीन लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन फिर भी NHAI अधिकारी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.
जालोर (Jalore) के सांचौर से गुजरने वाला नेशनल हाईवे 68 (NH68) पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने के साथ ही गड्ढों में तब्दील हो चुका है. जैसलमेर से गुजरात सीमा तक 421 किमी लंबे नेशनल हाइवे 68 में 38 किमी जालोर जिले का हिस्सा है. यह हिस्सा बाड़मेर के गांधव से शुरू होकर गुजरात सीमा तक पूरा जर्जर है. इन गड्ढों की वजह से बीते साल 31 युवाओं की जान गई थी और इस वर्ष भी तीन लोगों की हादसे में मौत हो चुकी है. जबकि दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.
इस हाइवे के खस्ताहाल और लगातार हो रहे हादसों में लोगों की जान जाने की जानकारी नेशनल हाइवे अथॉरिटी (National Highways Authority of India) के अधिकारियों को होने के बावजूद कुंभकर्णी नींद सोए हुए हैं. जिसके कारण क्षेत्र के लोग परेशान हो रहे हैं। सांसद देवजी पटेल ने इस हाइवे को नया और फोर लेन बनाने की मांग भी एनएचएआई के अधिकारियों के सामने रखी है.
NHAI ने नेशनल हाईवे के नवीनीकरण को लेकर टैंडर भी निकाला लेकिन अभी तक टैंडर लेने वाली कंपनी ने कार्य शुरू नहीं किया और कंपनी लगातार हाईवे के नवीनीकरण में देरी करती जा रही है. नेशनल हाइवे 68 का निर्माण 2015 में किया गया था. उसके बाद इस हाइवे पर यातायात दबाव को देखते हुए फोर लेन में बदलने का प्रस्ताव भेजा गया था. लेकिन भारतमाला के तहत एक्सप्रेस वे की मंजूरी के कारण इस हाइवे के फोर लेन की फाइल अटक गई.
NHAI अधिकारी मामले में बरत रहे ढील:
नेशनल हाईवे 68 महत्वपूर्ण हाईवे की सूची में शामिल है जिसमें वाहनों का आवागमन अधिक होता है. नेशनल हाईवे 68 एक ओर गुजरात और दूसरी ओर बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर को जोड़ता है. ऐसे में वाहन इस हाईवे पर अधिक चलते हैं. क्षतिग्रस्त और गड्ढों में तब्दील होने से दिन-रात हाईवे पर धूल उड़ती है. जिससे लोगों का हाईवे के किनारे दुकानें संचालित करना और खड़े रहना दुश्वार हो गया है. बाइक सवार तो इस हाईवे पर चल ही नहीं पा रहे लेकिन NHAI के अधिकारी फिर भी गंभीरता से नहीं ले रहे.