Jodhpur Cylinder Blast: जोधपुर हादसे को लेकर गहलोत सरकार गंभीर, ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए जिला कलेक्टर को जिम्मेदारी

Jodhpur Cylinder Blast: जोधपुर हादसे को लेकर गहलोत सरकार गंभीर, ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए जिला कलेक्टर को जिम्मेदारी

जयपुर: जोधपुर के शेरगढ़ इलाके के भूंगरा गांव में गैस सिलेंडर ब्लास्ट जैसी घटनाओं की पुनरावृति रोकने को लेकर गहलोत सरकार काफी गंभीर है. घटनाक्रम में लोगों की मौत के बढ़ते आंकड़ों के बीच मुख्य सचिव उषा शर्मा ने सभी जिला कलेक्टर को पत्र जारी कर ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं. पत्र में जिला कलेक्टर को कहा गया है कि वे जिला रसद अधिकारी, विस्फोटक विभाग, ऑयल कम्पनी और स्थानीय प्रशासन की बैठक लें. 

इसमें जिले में संचालित विवाह स्थल समारोह स्थल, होटल, रेस्टोरेन्ट, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में उपयोग किये जा रहे व्यवसायिक LPG गैस सिलेण्डरों के सत्यापन, LPG गैस सिलेण्डरों के अवैध भण्डारण और दुरूपयोग, अग्निशमन यंत्रों की जांच करने की रूपरेखा तैयार की जाए. साथ मे जिले में संचालित विवाह स्थल समारोह स्थल, होटल, रेस्टोरेन्ट आदि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में अग्निशमन यंत्रों लगे होने चाहिए इसकी जांच की जाए. संचालित सभी विवाह स्थलों, समारोह स्थलों आदि में निर्धारित सुरक्षा मानकों के सम्बन्ध में सर्वे करवाया जाए. 

संयुक्त जांच दल द्वारा जांच के दौरान LPG गैस के अवैध रूप से भण्डारण, संग्रहण और दुरूपयोग या अन्य अनियमितताएं पाई जाने पर एक्शन लिया जाए. जिला स्तर पर भामाशाहो, स्वयंसेवी संस्थाओं, ऑयल कम्पनीज, पैट्रोल और LPG एसोसियेशन से समन्वय किया जाए. जिसमे LPG गैस सिलेण्डरों के अवैध रूप से भण्डारण, संग्रहण, दुरुपयोग नहीं किये जाने और गैस सिलेण्डर के उपयोग में लिये जाने से होने वाले खतरों और बचाव के सम्बन्ध में प्रचार-प्रसार करे. इसके साथ ही 24 दिसम्बर को आयोजित होने वाले "उपभोक्ता दिवस" के दौरान उपभोक्ताओं में जागरूकता के लिए प्रचार-प्रसार के रूप में नुक्कड नाटक, रैली प्रतियोगिता, प्रदर्शनी आयोजित की जावे.

गैस सिलेंडर ब्लास्ट के हादसे में मौतों का सिलसिला रुक की नहीं रहा:
आपको बता दें कि जोधपुर में हुए गैस सिलेंडर ब्लास्ट के हादसे में मौतों का सिलसिला रुक की नहीं रहा है. पांच दिन पहले हुए इस ब्लास्ट में मंगलवार को पांच और मौत हो गईं. दम तोड़ने वालों में दूल्हे के पिता और एक मासूम भतीजा भी शामिल है. इस भीषण हादसे में अब तक 10 बच्चों ने भी दम तोड़ा है. जोधपुर के महात्मा गांधी हॉस्पिटल में भर्ती 8 और हादसा पीड़ितों की हालत गंभीर है. इससे पहले सोमवार को इलाज के दौरान दूल्हे की मां सहित 6 लोगों की मौत हो गई थी. ऐसे में मौतों का आंकड़ा बढ़कर 23 हो गया है. जिन लोगों ने दम तोड़ा वे 50 प्रतिशत से अधिक झुलसे हुए थे.