नई दिल्ली दिल्ली सरकार की कम से कम पाबंदियां लगाने की कोशिश है, ताकि रोजीरोटी न प्रभावित हो: केजरीवाल

दिल्ली सरकार की कम से कम पाबंदियां लगाने की कोशिश है, ताकि रोजीरोटी न प्रभावित हो: केजरीवाल

दिल्ली सरकार की कम से कम पाबंदियां लगाने की कोशिश है, ताकि रोजीरोटी न प्रभावित हो: केजरीवाल

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने रविवार को यह कहते हुए प्रवासी श्रमिकों एवं व्यापारियों का डर कम करने का प्रयास किया कि रोजीरोटी बचाने के लिए उसकी कोशिश है कि लॉकडाउन नहीं लगे और कम से कम कोविड पाबंदियां लगायी जायें.राष्ट्रीय राजधानी में पिछले कुछ दिनों से कोविड-19 रोजाना मामले तेजी से बढ़े हैं. प्रवासी श्रमिकों को 2020 तथा पिछली कोविड लहर की भांति लॉकडाउन लग जाने का अंदेशा है, ऐसे में उन्हें अपनी कमाई पर गहरी मार पड़ने एवं गंभीर वित्तीय संकट में फंस जाने का डर सता रहा है.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में इस बात पर जोर दिया कि अस्पतालों में मरीजों की भर्ती की दर कम है और यदि सभी लोग मास्क लगाते हैं तो लॉकडाउन की जरूरत नहीं पड़ेगी. उन्होंने कहा कि कोविड के बढ़ते मामले चिंता का विषय है लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. बहुत कम लोग अस्तपाल में भर्ती किये जा रहे हैं. मास्क लगाना महत्वपूर्ण है. यदि आप मास्क लगाते रहेंगे तो लॉकडाउन नहीं होगा. फिलहाल लॉकडाउन लगाने की कोई योजना नहीं है.

 

दिल्ली सरकार कोरोना वायरस के प्रसार को थामने के लिए पहले ही रात्रिकर्फ्यू और सप्ताहांत कर्फ्यू समेत कई पाबंदियां घोषित कर चुकी है. केजरीवाल ने कहा कि वह और दिल्ली के उपराज्यपाल एवं केंद्र कोविड की स्थिति पर कड़ी नजर बनाये हुए हैं. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश कम से कम पाबंदियां लगाना है ताकि रोजीरोटी प्रभावित न हो. दिल्ली में शनिवार को कोविड के 20181 मामले सामने आये और सात मरीजों की जान चली गयी. शुक्रवार को 17335 कोविड-19 मामले सामने आये थे.

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बार बार कहा है कि ज्यादातर कोविड-19 मरीज हल्के या बिना लक्षण वाले हैं और उन्हें अस्पताल लाने की जरूरत नहीं पड़ रही है. फिलहाल 48178 मरीज उपचाराधीन हैं. अस्पतालों में बस 1480 मरीज हैं. मध्य दिल्ली में एक सरकारी निर्माण परियोजना में काम कर रहे सुधान मंडल (33) ने कहा कि (अरविंद) केजरीवाल ने कहा है कि लॉकडाउन नहीं लगेगा. सप्ताहांत कर्फ्यू को तो संभल जाएगा. मैं आशा करता हूं कि स्थिति नहीं बिगड़ेगी.

सुधान 2020 के लॉकडाउन में पश्चिम बंगाल के मालदा में अपने घर चला गया था. यहां रिक्शा चला रहे झारखंड के साहिबगंज के स्वप्न जाधव (35) ने कहा कि मेरे परिवार में चार बच्चों समेत छह सदस्य हैं . पिछले दो लॉकडाउन के दौरान मैं गांव चला गया था लेकिन वहां भी बमुश्किल काम मिला. मैं सप्ताहांत कर्फ्यू से तो किसी तरह निपट लूंगा लेकिन पूर्ण लॉकडाउन हमारी कमर तोड़ देगा.(भाषा) 

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