कोटा: अभी तक कोचिंगसिटी कहा जाने वाला कोटा शहर अब खुबसूरती के एक नये नक्शे में ढलकर प्रदेश के प्रमुख पर्यटन शहरों की सूची में शुमार होने वाला हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के साथ कोटा को दिवाली से पहले ही दीपावली मनाने का मौका देते हुए शुक्रवार 21 अक्टूबर को 700 करोड़ से भी अधिक की लागत के 21 मेगा विकास कार्यो का वर्चुअल लोकार्पण करते हुए कोटा को एक ब्लॉकबस्टर तोहफा दिया हैं. गहलोत ने इस मौके पर कोटा की जनता को हैप्पी दीवाली कहा तो वहीं सक्षम और मेहनती जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुये कोटा के विधायक और प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को भी उनके विकास विजन के लिये जमकर सराहा.
मुख्यमंत्री जिन विकास कार्यो के बूते कोटा का कायाकल्प होने की बात कह रहे हैं. उनकी नींव आज से 4 साल पहले तब पड़ी थी, जब मुख्यमंत्री गहलोत ने यूडीएच मंत्री धारीवाल से पूछा था कि प्रदेश के हर अंचल में जाने वाले पर्यटक का पांव आपके कोटा और हाड़ौति में क्युं नहीं पड़ता, जबकि कोटा में तो 2 लाख स्टूडेन्ट कोचिंग करने को भी देशभर से यहां हर साल आते हैं. बस यहीं से धारीवाल ने एक परिकल्पना थामकर कोटा के एक नये नक्शे का विजन तैयार किया और आज 4 सालों बाद नये पुल-अंडरपास-नवविकसित चौराहे और हेरिटेज लुक में दुल्हन की तरह दमकता कोटा, उस सपने को धरातल पर ले आने जैसा अहसास करा रहा हैं.
कोटा की झोली में आये इन 21 तोहफों में गोबरीयाबावड़ी से नेहरूपॉर्क तक 80 करोड़ की लागत से हुआ सड़क नवीनीकरण,65 करोड़ की लागत का अनंतपुरा फ्लाईओवर, 42 करोड़ की लागत का महाराणाप्रताप फ्लाईओवर, 50 करोड़ की लागत का एयरोड्रॉम अंडरपास, 47 करोड़ से तैयार सिटीमॉल फ्लाईओवर, 33 करोड़ के बजट का विवेकानंद चौराहा-हेरिटेज स्ट्रीट प्रोजेक्ट, 31.5 करोड़ की लागत का गोबरीयाबावड़ी अंडरपास, 13 करोड़ का घोड़ेवाले बाबा सर्किल, 29 करोड़ का अंटाघर अंडरपास,13 करोड़ का अदालत चौराहा सर्किल और स्टेशन स्थित सुभाष लाईब्रेरी और अस्पताल विकास कार्य जैसे काम प्रमुख हैं. इन कामों ने तब और अब के कोटा की छवि ऐसी बदली हैं कि मुख्य सचिव उषा शर्मा ने आज के अपने संबोधन में बतौर एक शहर कोटा की इस विकास यात्रा को प्रदेश के एक्सीलैन्सी इंस्टीट्यूट में मैनेजमेन्ट कोर्स के शहरी विकास अध्ययन का स्टडी मटैरियल तक बता दिया तो वहीं कोटा के प्रभारी मंत्री परसादीलाल मीणा बोले- इतना सुंदर बना हैं कोटा कि इस शहर को किसी की नजर ना लग जाये.
कोटा में फिलहाल विकास के काम तो 4000 करोड़ से अधिक के चल रहे:
हालांकि कोटा में फिलहाल विकास के काम तो 4000 करोड़ से अधिक के चल रहे हैं लेकिन 700 करोड़ से अधिक के पूरे हो चुके इन कामों ने विकसित-आधुनिक-उन्नत और हेरिटेज लुक में तब्दील हुये नये कोटा की जो छवि दिखायी हैं. इसने सूबे के सीएम और सीएस से लेकर कोटा के आमजन तक को इस शहर का मुरीद बना दिया हैं. जबकि अभी तो धारीवाल के मेक कोटा न्यू सिटी विजन के दो सितारे चम्बल रिवर फ्रंट और सिटीपॉर्क ऑक्सीजोन के नगीने इस शहर की खुबसूरती में जड़े जाने बाकी हैं. अब देखना होगा कि कोटा का कायाकल्प होने के बाद देश के अव्वल शहरों में शुमार कोटा पर्यटकों की कबतक और किस हदतक पसंद बनकर उभरता हैं.