VIDEO: बंजर भूमि उगलेगी ऊर्जा रूपी सोना, कुसुम सी कम्पोनेट के तहत सौर कृषि आजीविका योजना पोर्टल की लॉन्चिंग, देखिए, ये खास रिपोर्ट

जयपुर: भूजल के गिरते स्तर के चलते बंजर हुई मरूधरा की जमीनें जल्द ही "बिजली" के रूप में पैसा उगलेगी.जी हां ये सबकुछ संभव होगा केंद्र की कुसुम योजना के सी कम्पोनेट से, जिसको बढ़ावा देने और किसान-डवलपर के बीच समन्वय के लिए गहलोत सरकार ने बड़ा मंच तैयार किया है.योजना के हर पहलू की जानकारी व आवेदन के लिए ऊर्जा मंत्री भंवरसिंह भाटी ने विद्युत भवन में सौर कृषि आजीविका योजना पोर्टल की लॉन्चिंग की है.आखिर क्या है पोर्टल की मंशा और कैसे होगा राजस्थान में हर घर सोलर का सपना साकार.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किसानों को आर्थिक रूप से संबल बनाने की दिशा में हरसंभव प्रयास कर रहे है.लेकिन राजस्थान में कई इलाके ऐसे हो गए है, जहां पानी की कमी के चलते जमीनें बंजर हो गई है.इन जमीनों से किसानों को कोई आय नहीं हो रही है.किसानों की इस पीड़ा को समझते हुए गहलोत सरकार ने केन्द्र-राज्य के संयुक्त प्रयास से लागू हुई कुसुम योजना के कम्पोनेट सी पर विशेष फोकस शुरू कर दिया है.इसके तहत ऊर्जा मंत्री भंवरसिंह भाटी ने विद्युत भवन में सौर कृषि आजीविका योजना पोर्टल की लॉन्चिंग की.भाटी ने बताया कि कुसुम योजना के कम्पोनेट सी में एग्रीकल्चर फीडर को ग्रीन फीडर में तब्दील किया जाएगा.इस योजना के लिए राजस्थान डिस्कॉम प्रशासन ने वे सभी तैयारियां पूरी कर ली है, जिससे किसान व डवलपर को कोई दिक्कत ना हो.

किसान को DLC रेट के हिसाब से प्रति हेक्टेयर मिलेंगे तय दाम:
-कुसुम सी कम्पोनेट के तहत सौर कृषि आजीविका योजना पोर्टल लॉन्च
-किसान अपनी अनुपयोगी जमीन पर प्लांट लगाने के लिए करेंगे आवेदन
-जबकि डवलपर अपनी सहूलियत के हिसाब से जीएसएस वार करेंगे आवेदन
-योजना में एकरूपता के लिए डिस्कॉम प्रशासन ने तय किया लीज रेंट
-आठ लाख रुपए तक की DLC रेट पर हर साल एक हेक्टेयर के 80 हजार रुपए तय
-8 से 12 लाख रुपए तक की DLC रेट पर हर साल एक हेक्टेयर के 1 लाख रुपए तय
-12 से 20 लाख रुपए तक की DLC रेट पर हर साल एक हेक्टेयर के 1.40 लाख रुपए तय
-20 लाख रुपए से अधिक DLC रेट की जमीन पर एक हेक्टेयर के लिए 1.60 लाख रुपए तय

कुसुम योजना के कम्पोनेट सी में किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए डिस्कॉम ने पूरा होमवर्क किया है.ऊर्जा मंत्री भवंरसिंह भाटी की माने तो यदि कोई डवलपर किसान की जमीन लीज पर लेकर प्लांट लगाता है तो उसे बिजली का भुगतान दो रूट से किया जाएगा.डिस्कॉम बिजली खरीद के एवज में भुगतान की कुल राशि में से लीज राशि किसान के खाते में सीधे डालेगा, साथ ही शेष राशि डवलपर को ट्रांसफर होगी.यानी भुगतान को लेकर किसी भी तरह का विवाद नहीं होगा.इसके साथ ही लीज राशि को भी तय करेगा डिस्कॉम ने एक दूसरे संभावित विवाद को भी खत्म करने का प्रयास किया है.

781 जीएसएस के 3101 फीडर होंगे ग्रीन !:
-कुसुम सी कम्पोनेट के प्रति किसान-डवलपर को प्रोत्साहित करने पर फोकस
-राजस्थान डिस्कॉम ने फील्ड सर्वे के आधार पर चिन्हित किए 781 जीएसएस
-इन GSS पर कुल 3 हजार मेगावाट क्षमता के 971 सोलर प्लांट लगाना प्रस्तावित
-इस कवायद में 11 केवी के 3101 फीडर पर जुड़े 2.78 लाख किसान होंगे लाभांवित
-किसानों को एक तरफ जहां दिन में मिलेगी बिजली,वहीं आपूर्ति में व्यवधान से भी निजात

किसान व डवलपर के लिए जिस पोर्टल की लॉचिंग की गई है, उसे गुगल पर www.skayrajasthan.org.in के नाम से सर्च किया जा सकता है. इस योजना का सफल क्रियान्वयन न सिर्फ किसान-डवलपर को राहत देगा, बल्कि राजस्थान डिस्कॉम के लिए भी फायदे का सौदा होगा.किसानों को बिजली बिल में दी जा रही सब्सिडी का बोझ इस योजना के सफल क्रियान्वयन से कम होगा, साथ ही राजस्थान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान की ओर कदम भी रखेगा. ऐसे में उम्मीद है कि डिस्कॉम के अधिकारी भी इस योजना की गंभीरता को समझेंगे और फील्ड में इस क्रियान्वयन में महत्ती भूमिका निभाएंगे.